प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को उनके ही गृह जिले में करना पड़ा विरोध का सामना

मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू/ नेपाल! राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कृति और नागरिक बचाव महासंगठन और आम जनता के विरोध के चलते केपी शर्मा ओली को उनके अपने जिले में ही कड़े विरोध का सामना करना पड़ा।


बीते 9 दिसंबर को झापा के एक व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केपी शर्मा ओली के खिलाफ जनता ने बड़े पैमाने पर काले झंडे लहराते हुए नारों और जुलूस का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने में नेपाल पुलिस और सशस्त्र प्रहरी बल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालात ऐसे हो गए कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेपाल आर्मी को उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लेना पड़ा।
प्रधानमंत्री ओली ने रातभर आर्मी बैरक में रुकने के बाद 10 दिसंबर को सुबह ही काठमांडू लौटना पड़ा।
हाल के समय में नेपाल के अंदर और बाहरी मामलों में केपी शर्मा ओली पर कई आरोप लग रहे हैं। वहीं एक और विवाद तब खड़ा हुआ जब पूर्व मेयर, जो कि ओली की पार्टी (एमाले) से जुड़े हैं, पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद गिरफ्तारी हुई। इस मामले में ओली पर रोक-टोक करने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं।