इंडो नेपाल

विभिन्न मांगों को लेकर लुंबिनी विकास निधि कार्यालय में तालाबंदी

मनोज कुमार त्रिपाठी

भैरहवा नेपाल ! विभिन्न मांगों को लेकर लुंबिनी विकास निधि के कार्यालय में ताला लगा दिया गया है। फंड की आय का 50 प्रतिशत स्थानीय स्तर पर दिए जाने और फंड में नियुक्त अधिकारी स्थानीय होने की मांग को लेकर लुंबिनी डेवलपमेंट फंड पर ताला लगा दिया गया है।

लुंबिनी बचाऊ संघर्ष समिति, रूपंदेही के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने निधि के कोषाध्यक्ष, सदस्य सचिव, पुरातत्व विभाग और संग्रहालय में भी ताला लगा दिया।

संघर्ष समिति ने मांग की है कि अधिकारियों के साथ कर्मचारियों की भर्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और लुंबिनी सांस्कृतिक नगर पालिका के प्रमुख सहित संघीय सांसदों, प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों को लुंबिनी विकास निधि के अनुसार पदेन सदस्य बनाया जाना चाहिए।

संघवाद की भावना

यह भी मांग की गई है कि जिन किसानों को फंड के लिए जमीन देकर अधिग्रहण किया गया है, उनके लिए पहचान पत्र की व्यवस्था की जाए। संघर्ष समिति के संयोजक अकरम खान ने कहा कि चूंकि लुंबिनी अतीत में स्थानीय लोगों की सुरक्षा और संरक्षण के कारण आज इस स्थिति में आया है, इसलिए निधि का उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सदस्य सचिव स्थानीय होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि निधि के कार्यकारिणी सदस्यों को नामित करते समय कम से कम 2 लोग स्थानीय होने चाहिए।

संघर्ष समिति ने मायादेवी मंदिर की सुरक्षा की मांग की है क्योंकि यह वह स्थान है जहां बुद्ध का जन्म हुआ था, जिसे प्राचीन काल से वैदिक संतों द्वारा पूजा और संरक्षित किया गया है।

संघर्ष समिति ने कहा कि मायादेवी मंदिर की संरचना और डिजाइन को नहीं बदला जाना चाहिए, अनाधिकृत संरचनाओं का निर्माण तुरंत रोका जाना चाहिए, पुरातात्विक स्थल को बिना किसी कारण के नष्ट या विरूपित करने से रोका जाना चाहिए, स्थानीय लोग पारंपरिक मुंडा बाल चढ़ाते हैं। दूल्हे के मौर और अशोक स्तंभ के कपूर दीपक आदि को एक जगह व्यवस्थित किया जाए और पीपल की नाव में सिन्दूर पहुंचाया जाए, इस परंपरा को स्वीकार किया जाए, मायादेवी मंदिर में नियमित पूजा और शाम की आरती की व्यवस्था की जाए।

इसी प्रकार परम्परागत रूप से आयोजित होने वाले ऐतिहासिक चैत्र पूर्णिमा मेले के लिए भी पर्याप्त बजट एवं स्थानीय लोगों का सहयोग सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई है।

लुंबिनी बचाऊ संघर्ष समिति के संयोजक लुंबिनी बचाऊ महाभियान के सह संयोजक राम विकास चौधरी ने कहा, ‘जब विश्व शांति के प्रणेता और महापुरुष बुद्ध की जन्मस्थली के नागरिकों को राज्य द्वारा धोखा दिया जाता है, तो हर नेपाली और उन सभी को ‘बुद्ध पर विश्वास करो, ठगा हुआ महसूस करो।’

लुंबिनी डेवलपमेंट फंड के सदस्य सचिव सनुराजा शाक्य ने कहा कि उपराष्ट्रपति नई दिल्ली, भारत में हैं और शुक्रवार को विरोध करने वाले दलों के साथ बैठकर समाधान निकाला जाएगा।

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