“की दुख देखे दूखिया कीदुखिया की माय” दीन दुखियों की सेवा करना ही हमारा परम धर्म, कर्तव्य और सौभाग्य – नन्दलाल जायसवाल समाजसेवी नौतनवां

उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां महराजगंज: आज मैं एक ऐसे व्यक्ति का वीडियो दिखाने जा रहा हूं … जो गरीब और दबे कुचले लोगों के साथ हमेशा खड़ा दिखाई देता है चाहे वो किसी भी जाति या मजहब का हो। नौतनवां नगर के एक ऐसे ही समाजसेवी नन्दलाल जायसवाल जी हैं जिनका बाईपास सर्जरी हुआ है। बावजूद इसके उन्होंने गरीबों की मदद करने में कोई कोताही नहीं बरती है। हालांकि आज वह किसी पद पर नहीं हैं फिर भी लोगों की सेवा करना वह अपना परम धर्म,कर्तव्य और सौभाग्य समझते हैं। आज तक उनके पास जो भी आया वह खाली हाथ नहीं लौटा। ऐसे व्यक्ति को कहते हैं असली समाजसेवी जो बिना किसी पद की लालसा रखते हुए निस्वार्थ भाव से समाज के गरीब दुखिया,जरूरत मंदों एवं समाज के मुख्य धारा से कटे हुए व्यक्तियों की दिल से सेवा करता है। नौतनवां नगर निवासी श्री नंदलाल जायसवाल जी ऐसे ही एक समाजसेवी हैं जो दिखावा नहीं करते हैं। असली समाज सेवी कहने का हक भी उन्हीं को है जो इस कड़ाके की ठंड में बाईपास सर्जरी कराने के बावजूद भी भोर में गरीबों को कंबल ओढ़ाकर उनको ठंड से कुछ राहत देने का कार्य कर रहे हैं। समाजसेवी तो वो होता है जो गरीब और दबे कुचले लोगों के साथ खड़ा दिखे चाहे वो किसी भी जाति या मजहब का हो।