यदि संविधान के प्रगतिशील पहलुओं को पूर्वव्यापी रूप से संशोधित किया जाता है तो एक और जन आंदोलन होगा : पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल

मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू/महराजगंज! पूर्व प्रधान मंत्री और सीपीएन (यूनिफाइड सोशलिस्ट) के सम्मानित नेता झलनाथ खनाल ने चेतावनी दी है कि यदि संविधान के भीतर समाजवादी पार्टियों द्वारा ऊपर से नीचे तक संशोधन किया गया तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन होंगे।
उन्होंने यह बात शुक्रवार को काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संविधान बने 9 साल हो गए हैं और समाजवादी पार्टियों द्वारा संविधान में संशोधन के नाम पर नीचे से ऊपर तक की बातें करना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि चूंकि संविधान एक अनुबंध है, इसलिए वे संविधान की रक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि संविधान में पूंजीवादी और बेकार चीजों को हटाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो चीजें काम नहीं करतीं, उनमें धीरे-धीरे संशोधन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वे संविधान की किसी भी प्रगतिशील चीज में प्रतिगामी तरीके से संशोधन करने की कोशिश करेंगे तो देश में एक और जन आंदोलन खड़ा हो जायेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री खनाल ने कहा कि पार्टी को नये तरीके से खड़ा करने का कोई विकल्प नहीं है।