वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ दलजीत चौधरी बने SSB के डायरेक्टर जनरल

महराजगंज जिले से है उनका पुराना नाता
महराजगंज जनपद में भी वर्षों रहे पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात, तस्करों, अपराधियों और देश विरोधी तत्वों में था खौफ
भारत-नेपाल सीमा के हर गतिविधियों से पहले से वाकिफ हैं डॉ दलजीत सिंह चौधरी
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज: एसएसबी, भारत के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक, मुख्य रूप से नेपाल और भूटान के साथ देश की सीमाओं की रक्षा में तैनात है। एक अनुभवी अधिकारी डॉ दलजीत सिंह चौधरी की नियुक्ति से जरूरी सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन में नई ताकत और रणनीतिक विशेषज्ञता आने की उम्मीद है, खासकर क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में।
बता दें कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी डॉ दलजीत सिंह चौधरी का अलग-अलग पदों पर जरूरी जिम्मेदारियों के साथ एक साथ लंबा कैरियर रहा है। उनके अनुभव और कौशल को एसएसबी के महानिदेशक की भूमिका के लिए जरूरी माना जाता है, जहां वह भारत की सीमाओं की सुरक्षा और अखंडता बनाए रखने में बल का नेतृत्व करेंगे। उत्तर प्रदेश कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी चौधरी, वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जनरल के विशेष निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में से एक है। 1963 में स्थापित, एसएसबी की स्थापना मूल रूप से भारत-चीन युद्ध के बाद भारत-नेपाल सीमा पर चीनी सैनिकों की एक्टिविटीज का मुकाबला करने के लिए की गई थी।
एसएसबी की प्राथमिक भूमिका
भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसमें सीमा पार अपराध, तस्करी और अन्य अवैध एक्टिविटीज को रोकना शामिल है। सशस्त्र सीमा बल बल उग्रवाद विरोधी अभियानों में भी लगा हुआ है और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।