नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार ने दिया इस्तीफा

नए नोट पर अपनी ही सरकार का किया था विरोध
भारत के क्षेत्रों को नोट पर दिखाए जाने को कहा था गलत
मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू : नेपाल के नए नोट पर अपनी ही सरकार की आलोचना करने वाले नेपाली राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार चिरंजीबी नेपाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने नेपाल सरकार के 100 रुपये के विवादित नोट छापने के फैसले की आलोचना की थी। नेपाल केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर रहे चिरंजीबी ने नए भारत के क्षेत्रों को दिखाने वाले नक्शे को नोट पर प्रकाशित करने को अनुचित कदम बताया था। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड के नेतृत्व वाली नेपाल कैबिनेट ने 100 रूपये के नए नोट छापने का फैसला किया था, जिस पर भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी क्षेत्र वाले नेपाल के नए नक्शे को दिखाया जाएगा।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडे़ल ने आर्थिक सलाहकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी। कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ने पद पर रहते हुए अब तक उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।
भारत का समर्थन करने के चलते आए निशाने पर
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में चिरंजीबी नेपाल ने नए नोट पर भारतीय क्षेत्रों को दिखाए जाने के प्रचंड सरकार के फैसले को ‘गैरबुद्धिमत्तापूर्ण’ कहा था। चिरंजीबी नेपाल की टिप्पणी का केपी शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल ने कड़ा विरोध किया था। ओली ने सरकार के फैसले के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार की सार्वजनिक आलोचना की थी।
नेपाली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने नेपाल की टिप्पणियों के संबंध में राष्ट्रपति राम चंद्र पौडे़ल से बात की थी। चिरंजीबी नेपाल को हटाने के लिए कई लोगों ने मांग उठाई थी, जिसमें भारत में पूर्व राजदूत नीलांबर आचार्य, नेपाल के भ्रष्टाचार विरोधी निकाय के पूर्व प्रमुख सूर्यनाथ उपाध्याय और पूर्व राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के सलाहकार सुशील पयाकुरेल भी शामिल थे।
नेपाल की कैबिनेट ने लिया था फैसला
नेपाल की कैबिनेट ने बीते 3 मई को पुष्प कमल दहाल की अध्यक्षता में नेपाल ने नए नोट छापने का फैसला लिया था। फैसले के बारे में बताते हुए नेपाल की सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने बताया था कि कैबिनेट ने 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और बैंक नोट के पीछे मुद्रित पुराने मानचित्र को बदलने की मंजूरी दी है। नेपाल ने इसके पहले 18 जून 2020 को नेपाल के संविधान में संशोधन करते हुए एकतरफा रूप से लिपुलेख, कालापनी और लिंपियाधुरा को अपना क्षेत्र घोषित कर दिया था। ये तीनों क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से भारत के पास रहे हैं और वर्तमान में भी यह भारत का हिस्सा हैं।
भारत ने नेपाल के इस कदम को ‘एकतरफा कृत्य’ बताया था और कहा था कि ‘नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का कृत्रिम विस्तार अस्थिर है।