तस्करी कर दो वाहनों से 111 बकरे ले जाये जा रहे थे नेपाल, लापरवाही बरतने के आरोप में ठूठीबारी कोतवाल निलंबित

एसएसबी जवानों ने गश्त के दौरान पकड़ा
ठूठीबारी कोतवाली में महिला थानेदार की हुई नियुक्ति
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स): सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी जारी है। बीते आधी रात को तस्करी कर भारत से नेपाल भारी संख्या में बकरे जा रहे थे, बार्डर पर एसएसबी ने गश्त के दौरान इन्हें पकड़ लिया ।
मिली खबर के मुताबिक ठूठीबारी थाने और लक्ष्मीपुर चौकी के पास एसएसबी को भारी संख्या में बकरों को तस्करों द्वारा नेपाल ले जाने की गुप्त सूचना मिली। आनन फानन में एसएसबी ने गश्त बढ़ा दी फिर चटिया बार्डर पर चार पहिया वाहनों से बर्बरता पूर्वक बकरा लाद कर नेपाल में घुसने का प्रयास कर रहे तस्करों को दबोच लिया। जब गाड़ी को खोल कर चेक किया गया तो अंदर एक गाड़ी में 56 बकरे और दूसरे गाड़ी में 55 बकरे पाए गए। एसएसबी ने बरामद बकरों की चालक और गाड़ी समेत पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया।

बता दें कि दशहरा पर्व के अवसर पर नेपाल में बकरों की मांग बढ़ जाती है इसलिए तस्करों द्वारा भारत के कई जगहों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के उरई,काल्पी, जालौन, झांसी,लखनऊ, सुल्तानपुर, फतेहपुर सीकरी, बहराइच और फैजाबाद से बकरों को मंगा कर तस्करी के जरिए नेपाल के काठमांडू, नारायणघाट जैसे बड़े शहरों में भेजा जाता है।
बताते चलें कि बीती देर रात एसएसबी ने राजस्थान से चार पहिया वाहन से लाकर तस्करी के जरिए नेपाल ले जाये जा रहे 111 बकरों को पकड़ कर ठूठीबारी पुलिस को सौंप दिया था लेकिन कोतवाल ने बकरों को पशुपालकों को सुपुर्द करने के बाद गाड़ी का चालान कर दिया। बावजूद इसके कोतवाल ने इस बात की जानकारी अपने किसी भी उच्च अधिकारियों को नहीं दी और न ही इस मामले में किसी के विरुद्ध मुकदमा ही दर्ज किया। इस बात की जानकारी जब पुलिस अधीक्षक डॉ कौस्तुभ को हुई तो सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में कोतवाल ठूठीबारी उमेश कुमार को निलंबित कर दिया।
अब सवाल यह है की एक तरफ जिला प्रशासन बार्डर पर तस्करी रोकने का दावा करता रहता है और दूसरी तरफ बार्डर पर लगातार तस्करी जारी है। यह एक यक्ष प्रश्न है।