अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का 70 फीसद काम हुआ पूरा, दिखने लगा मंदिर का भव्य स्वरूप
हर्षोंदय टाइम्स -गोरखपुर
अयोध्या /गोरखपुर :
राम जन्मभूमि परिसर में ही भगवान रामलला के साथ-साथ सभी देवी देवताओं के मंदिर बनेंगे. परकोटे में भगवान सूर्य, भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी और अन्नपूर्णा माता का मंदिर बनाया जाएगा. भगवान रामलला के दिव्य भव्य मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य हो रहा है. रामलला के मंदिर का लगभग 70 फीसद कार्य पूरा हो चुका है और अब मंदिर का गर्भगृह भी का आकार लेता हुआ दिखाई दे रहा है. प्रथम तल का मंदिर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 में पूरा हो जाएगा और जनवरी 2024 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे इसके बाद यह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित होने के बाद रामभक्त अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन पूजन कर सकेंगे।
हालांकि अभी भी रोजाना लाखों की संख्या में राम भक्त रामलला का दर्शन पूजन करने अयोध्या आ रहे हैं और मंदिर के निर्माण कार्य को भी देख रहे हैं. राम जन्मभूमि परिसर में ही भगवान रामलला के साथ-साथ सभी देवी देवताओं के मंदिर बनेंगे. मंदिर का 70 फीसद काम हुआ पूरा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पहले ही ये निर्णय ले चुका है कि परकोटे में भगवान सूर्य, भगवान शंकर, भगवान गणेश, हनुमान जी और अन्नपूर्णा माता का मंदिर बनाया जाएगा।
इसके साथ ही परकोटे के बाहर यानी दक्षिणी छोर पर महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वशिष्ठ, माता शबरी, निषाद राज, जटायु और अहिल्या के मंदिर बनाए जाएंगे, लेकिन बीते दिनों हुई बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है कि भगवान राम के मंदिर में वानर राज सुग्रीव को भी स्थान दिया जाए या यूं कहा जाए कि अब श्रीराम जन्मभूमि परिसर में वानर राज सुग्रीव के भी दर्शन श्रद्धालु करेंगे.
गर्भगृह का दिखने लगा आकार
अयोध्या में अब राम मंदिर का दिव्य भव्य स्वरूप दिखाई देने लगा है. मंदिर को आकार देने के लिए स्तंभों को लगाया जा रहा है. रामलला के मंदिर को तीन मंजिला बनाया जाएगा और 1 मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी. रामलला के मंदिर की 255 फीट की चौड़ाई होगी और 350 फीट मंदिर की लंबाई होगी. मंदिर में 392 मंदिर के पिलर होंगे और अब स्तंभों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के द्वारा जारी की गई तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि स्तंभ लगने के बाद मंदिर का आकार स्पष्ट दिखाई दे रहा है. भगवान रामलला के मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा है कि रामनवमी के दिन भगवान रामलला के मस्तक को सूर्य की किरण ललाटित करेगी. इस कारण से भगवान राम लाला की प्रतिमा को बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम लगाई गई है।