नेपाल

अपवित्र गठबंधन जनता का जनादेश नहीं- कमल थापा

मनोज कुमार त्रिपाठी

भैरहवा नेपाल!
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के अध्यक्ष कमल थापा ने नेपाली कांग्रेस को अपवित्र गठबंधन के खेल में शामिल नहीं होने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जनता ने उन्हें अपवित्र गठबंधन बनाकर सरकार में शामिल होने का जनादेश नहीं दिया था।

उन्होंने कहा कि फिलहाल ताजा जनादेश ही सबसे अच्छा विकल्प है। यह बात अध्यक्ष थापा ने शुक्रवार को भैरहवा में पार्टी द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने संसद को बहाल कर दिया है कि सरकार संविधान के अनुच्छेद 76 (1) के तहत प्रतिनिधि सभा को भंग नहीं कर सकती है, अब कांग्रेस को खेल के बजाय अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार विघटन के विकल्प पर जाना चाहिए। अनुच्छेद 76(2) के अनुसार सरकार का खेल।

थापा ने कहा कि अगर सीपीएन टूट गई तो सरकार बनाने की ताकत कांग्रेस के पाले में चली जाएगी, इसलिए कांग्रेस को गंदी राजनीति नहीं करनी चाहिए।

अब देश के सामने दो विकल्प हैं। एक अपवित्र गठबंधन और राजनीतिक अस्थिरता के माध्यम से सांसदों की खरीद-फरोख्त और दूसरा संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार प्रतिनिधि सभा को भंग करना और मध्यावधि चुनाव कराना।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दूसरा विकल्प चुनना चाहिए।’

थापा, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री भी हैं, ने कहा कि अगर वे अपवित्र गठबंधन बनाते हैं, तो कांग्रेस को लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार में जाना फिलहाल फायदेमंद हो सकता है, लेकिन बाद में कांग्रेस को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में अस्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और उन्होंने दावा किया कि इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था भी कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि लोगों ने शांति और स्थिरता के लिए जनादेश दिया है, उस जनादेश के बाद काम नहीं होता, बाहर निकलना एक नया जनादेश है।

अध्यक्ष थापा ने यह भी कहा कि बिप्लव के नेतृत्व वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का शांतिपूर्ण राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश एक स्वागत योग्य और ऐतिहासिक कदम है।

थापा का यह भी कहना है कि सरकार ने बिप्लव के नेतृत्व वाली पार्टी को मुख्यधारा में लाकर बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह स्थापित हो चुका है कि अपनी अलग-अलग मान्यताओं को स्थापित करने के लिए हिंसा और विद्रोह का रास्ता अपनाने की जरूरत नहीं है। अध्यक्ष थापा ने कहा कि उनकी पार्टी की धर्मनिरपेक्षता, संघवाद और गणतंत्रवाद से असहमति अभी भी है और देश में राजनीतिक अस्थिरता से धर्म बदलने की कोशिश करने वालों को ताकत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भले ही लोगों ने देश के विकास के लिए सीपीएन को लगभग दो-तिहाई बहुमत दिया, लेकिन लोगों को धोखा दिया गया। उनका कहना है कि देश में भ्रष्टाचार और कुशासन अपनी जड़ें जमा चुका है।

कार्यक्रम आरपीपी रूपन्देही उपाध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता एवं युवा नेता शंकर खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

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