नेपाली कानून के दायरे में ले जाना होगा आवश्यक उपभोक्ता की वस्तुएं

भंसार चोरी करना दंडनीय अपराध- नारद गौतम भंसार (कस्टम) चीफ भैरहवा नेपाल
एक सुनियोजित साजिश के तहत बनाया गया है काला कानून – सुबाष जायसवाल तहसील अध्यक्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल नौतनवां
मनोज कुमार त्रिपाठी/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
सोनौली/महराजगंज : भैरहवा सीमा शुल्क कार्यालय के प्रमुख नारद गौतम ने कहा है कि 100 रुपये से अधिक मूल्य के सामान के साथ भारत से नेपाल में प्रवेश करने वाले यात्रियों को भैरहवा सीमा शुल्क कार्यालय की यात्री शाखा में अपने साथ लाए गए सामान की घोषणा करनी होगी। घोषणा करने के बाद ही इसे ले जाना होगा । चोरी का निर्यात और चोरी का आयात दंडनीय अपराध है। ऐसे में सीमा शुल्क अधिनियम 2064 आदि सीमा शुल्क विनियम 2064 के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सीमा शुल्क विनियम 2064 के नियम 47 के अनुसार, मौजूदा कानूनों के खिलाफ चोरी के आयात और चोरी के निर्यात के बारे में जानकारी देने वालों को इनाम देने का प्रावधान है और जानकारी का विवरण गोपनीय रखा जाएगा। प्रतिबंध अधिनियम, हथियार और युद्ध सामग्री अधिनियम, नारकोटिक्स तस्करी अधिनियम, शहर, मॉन्ट्रियल संधि इसमें विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संधियों में उल्लिखित जंगली जानवर शामिल हैं जिनमें नेपाल एक पक्ष है और आग्नेयास्त्रों, हथियारों, दवाओं, खतरनाक रसायनों और गैसों सहित प्रतिबंधित वस्तुएं निर्यात एवं आयात को हतोत्साहित करने पर प्रचलित कानूनों के अनुसार कार्यवाही भी की जायेगी। इसके द्वारा सूचित किया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ भैरहवा भंसार कार्यालय द्वारा बनाए गए नियम को उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के नौतनवां तहसील इकाई के अध्यक्ष सुबाष जायसवाल ने एक सुनियोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल एक पड़ोसी देश है। जिसका भारत से अति निकट का संबंध है। यहां तक कि भारत से नेपाल का रोटी-बेटी का रिश्ता है। यह संबंध इतना मधुर है जो कभी टूटने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में भैरहवा भंसार कार्यालय द्वारा बनाए गए इस काले कानून की हम घोर निन्दा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि नेपाली नागरिक रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए भारत के सीमावर्ती बाजारों में आते हैं। उन्हें यहां सस्ते दर पर सामान मिल जाते हैं जिससे उनको काफी सहूलियत भी मिलती है। पर भैरहवा भंसार कार्यालय द्वारा अनावश्यक हस्तक्षेप कर नेपाली नागरिकों को ही सताने का काम कर रहा है। इससे दोनों देशों के रिश्ते खराब हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए भारतीय कस्टम और पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बारे अवगत करा दिया गया है। इस बावत नेपाल सरकार और भारतीय दूतावास को भी अवगत कराया जाएगा। उनका कहना था कि भारत सरकार ने 25 हजार रुपए मूल्य तक के सामान नेपाल ले जाने पर कोई टैक्स नहीं लगाया है फिर भी नेपाल के के अधिकारी 100 रूपए मूल्य के सामान ले जाने पर टैक्स लगा दिया है जो पूरी तरह से जनविरोधी है। ऐसे में नेपाल सरकार से हमारी मांग है कि इस काले कानून को तत्काल प्रभाव से समाप्त करें जिससे आम जनता को राहत मिल सके।