22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्रांण प्रतिष्ठा के बाद “जय श्री राम” का नारा बोलकर मौनी बाबा तोड़ेंगे व्रत, 40 साल बाद बना संयोग

उमेश चन्द्र त्रिपाठी
मध्य प्रदेश /दतिया /महराजगंज : राम मंदिर बनने को लेकर संतों और बाबाओं ने कई तरह के प्रंण लिए थे। किसी ने मौन व्रत ले लिया था तो किसी ने अन्न तक त्याग दिया था। अब जब राम मंदिर की प्रांण-प्रतिष्ठा होने वाली है, तो इन संतों का प्रंण भी पूरा हो होने जा रहा है। ऐसे में अब सभी खुशी से रामलला का स्वागत करने के लिए आतुर हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्रांण प्रतिष्ठा होगी और इसके साथ ही मध्य प्रदेश के मौनी बाबा का 40 साल पुराना प्रंण भी पूरा होगा जो उन्होंने 1982 में लिया था।
बता दें कि मध्य प्रदेश के दतिया में रहने वाले ‘मौनी बाबा’ (मौन संत) ने 1984 में अयोध्या में रामलला के सिंहासन पर बैठने तक एक भी शब्द नहीं बोलने की शपथ ली थी। जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर की प्रांण प्रतिष्ठा नजदीक आ रही है, तो उन्होंने 22 जनवरी को भगवान राम के नाम का जाप करके अपनी चुप्पी तोड़ने का फैसला किया है। फिलहाल, बाबा एक छोटे चॉकबोर्ड पर लिखकर लोगों को अपनी बात बताते हैं।
मौनी बाबा को नहीं मिला प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण
वहीं मौनी बाबा ने 1980 में यह भी प्रंण लिया था कि जब तक राम मंदिर नहीं बन जाता वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। वह 44 साल से फल खाकर गुजारा कर रहे हैं। इसके बाद 1984 में उन्होंने राम मंदिर बनने के लिए पैरों में चप्पल पहनना छोड़ दिया था और मौन व्रत धारण कर लिया। मौन व्रत धारण किए 40 साल हो गए हैं, अब राम मंदिर बन गया तो संत जी अयोध्या में व्रत तोड़ना चाहते हैं, लेकिन अभी तक उन्हें अयोध्या का निमंत्रण नहीं मिला है।