धरती का स्वर्ग जहां दुंदुभी नामक राक्षस के प्रकोप से प्रभु श्रीराम ने 16100 कन्याओं का किया था उद्धार

स्यांगजा जिले की गंडकी नदी का तट रहा है प्रभु श्रीराम की तपोस्थली- आचार्य चैतन्य कृष्ण आर्याल
मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा/महराजगंज: पड़ोसी मुल्क नेपाल के श्यांगजा जिले में स्थित गंडकी नदी का तट धरती पर स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। जहां दुंदुभी नामक राक्षस के प्रकोप से प्रभु श्रीराम ने 16100 कुंवारी कन्याओं का उद्धार किया था और प्रभु श्रीराम की यह तपोस्थली रही है।
इस संबंध में गंडकी नदी के तट पर पिछले पांच वर्षों से गुरूकुल का एक विद्याश्रम संचालित है जिसके व्यवस्थापक आचार्य चैतन्य कृष्ण आर्याल ने बताया कि श्यांगजा जिले में स्थित गंडकी नदी के तट का यह बहुत ही सुन्दर और पवित्र स्थान है। इसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है। उन्होंने बताया कि इसी स्थान पर त्रेता युग में दुंदुभी नामक राक्षस ने 16100 कुंवारी कन्याओं को बंदी बना कर रखा था। ऐसे में कुंवारी कन्याओं ने भगवान विष्णु की आराधना की और इस राक्षस से मुक्ति दिलाने का आह्वान किया। प्रभु श्रीराम यहां आए और उस राक्षस से कन्याओं का उद्धार कर कहा कि द्वापर में मैं कृष्णावतार में आप से पुनः मथुरा नामक देव नगरी में मिलूंगा।