भक्ति में लीन तहसीलदार ने छोड़ दी नौकरी, करेंगे श्रीराम की साधना

उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। पूरे देश से लोग अयोध्या जाने को आतुर हैं। पर अयोध्या के मूल निवासी होने के बाद भी प्रभु श्रीराम की सेवा से खुद को दूर महसूस कर निचलौल तहसील के न्यायिक तहसीलदार राम अनुज त्रिपाठी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। उनका कहना है कि अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के शरण में रहेंगे, उनकी सेवा करेंगे। नौकरी छोड़ने से किसी दूसरे को मौका मिलेगा। राजस्व परिषद से वीआरएस स्वीकृति होने के बाद निचलौल तहसील के सभागार में उनके लिए मंगलवार को विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसमें तहसीलदार रामअनुज अपनी पत्नी के साथ शिरकत किए। विदाई समारोह में उपजिलाधिकारी सत्य प्रकाश मिश्रा ने तहसीलदार राम अनुज को रामचरित् मानस की पुस्तक भेंट किया। वहीं तहसील सभागार में मौजूद अधिवक्ता गणों ने फूल माला पहनाकर शुभकामनाओं के साथ उन्हें विदा किया । विदाई समारोह के अवसर पर तहसीलदार राम अनुज त्रिपाठी ने कहा कि मौजूदा दौर में जहां भाइयों के बीच में कई तरह के तनाव व दूरियां रहती हैं। उस दौर में मेरे बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को इस तरह से राम के आदर्शों पर चलने की शिक्षा और प्रेरणा दी। आज मैं तहसीलदार के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत लेकर प्रभु श्री राम की सेवा के लिए हमेशा उनके चरणों में जा रहा हूं। हालांकि अपनी सेवानिवृत्ति के आवेदन में उन्होंने पारिवारिक और स्वास्थ्य को कारण बताया है। अगस्त माह में ही प्रस्तुत आवेदन पर राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव मनीषा त्रिघाटिया ने उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृति दे दी है। जिसके क्रम में जिलाधिकारी अनुनय झा ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है।
मूलत: अयोध्या जनपद के रामजन्म भूमि के समीप वशिष्ठ कुंड वार्ड के रहने वाले 55 वर्षीय राम अनुज त्रिपाठी ने पहली सरकारी नौकरी 1994 में सहायक विकास अधिकारी कृषि के रूप में नैनीताल में शुरू की थी। नौकरी के दौरान ही सिविल सेवाओं की परीक्षा को लेकर तैयारी की और वर्ष 2001 में सिविल सेवा में आ गए।