अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने कितना दिया दान

हर्षोदय टाइम्स/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
अयोध्या/महराजगंज : अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों का बरसों पुराना इंतजार खत्म हो गया है। राम मंदिर में अपने प्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या में उमड़ गई है। हर गली में रामलला की भक्ति का जन सैलाब देखने को मिल रहा है, पहले ही दिन रिकॉर्ड तोड़ पांच लाख लोगों ने राम मंदिर के दर्शन किए। राम मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही है, हर एक कोने को पूरी रिसर्च के साथ बनाया गया है।
इस मंदिर को बनाने के लिए देशभर से राम भक्तों ने दान दिया है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की माने तो राम मंदिर के लिए उनकी सोच से भी तीन गुना ज्यादा धन मिला है। लोगों ने बढ़ चढ़कर राम मंदिर निर्माण के लिए इतना दान दिया कि अब भी कई हजार करोड़ रुपया बच गया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए कितना दान मिला?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि जी महाराज ने मीडिया को से बात करते हुए बताया कि मंदिर निर्माण के लिए कितना दान मिला है। कोषाध्यक्ष ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह को लेकर कहा कि इसके लिए जितना खर्च दिखता है उतना होता नहीं है क्योंकि लोग अपनी-अपनी ओर से सेवाएं कर देते हैं। उसकी वजह से खर्च कम हो जाता है।
गोविंद देव गिरि जी महाराज ने कहा कि हमने पहले सोचा था राम मंदिर का निर्माण सात सौ करोड़ रुपये में हो जाएगा लेकिन,जब जमीन के नीचे चट्टान नहीं मिली तो खर्चा और बढ़ गया। इसके बाद भी कई परिवर्तन किए गए हैं। इस तरह से अब तक राम मंदिर के निर्माण कार्य में ग्यारह सौ करोड़ रुपये से अधिक का खर्चा हो चुका है और अभी इसके चौदह सौ करोड़ तक भी खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है।
पूरे देश की जनता ने दिया दान
राम मंदिर को मिले दान के बारे में बताते हुए गोविंद देव गिरि जी महाराज ने कहा कि किसने कितना दान दिया उसकी जानकारी नहीं है। चाहे किसी ने करोड़ों रुपये दिए हों या किसी ने कम हमारे लिए श्रद्धा भाव जरूरी है। किसी ने कितना भी दान दिया हो हम करोड़ों में नहीं गिनते हम सिर्फ श्रद्धा भाव को देखते हैं। हमें तो तीन-तीन सौ करोड़ रुपये देने के लिए लोग सामने आए लेकिन, हमने नकार दिया। हमने कहा कि ये मंदिर भारत के हर रामभक्त के पांच-पांच रुपयों से मिले दान से ही बन जाएगा। हमें देश के लोगों को जोड़ना है, वित्त तो अपने आप ही आ जाएगा।
कोषाध्यक्ष ने बताया कि ‘जो हमने सोचा था उससे तीन गुना लोगों ने हमें समर्पण किया, कई लोगों ने कहा कि हम तो दान देने के लिए इंतजार ही करते रह गए। परमात्मा की कृपा ऐसी है कि तैंतीस सौ करोड़ रुपया आया था, मंदिर पूरा बनने की ओर है और हमारे पास तीन हजार करोड़ रुपया अब भी बाकी है।