नेपाल: लुंबिनी प्रदेश के तिलोत्तमा नगर पालिका वार्ड नंबर 6 पश्चिम पहुनी (भलुआरी) में होगा मोक्षधाम चारधाम का निर्माण

मोक्ष धाम का निर्माण (फाल्गुन 28 गते) 11मार्च से होगा शुरू
जन भागीदारी से होगा मोक्षधाम चारधाम का समुचित विकास – रोहिणी पाठक अध्यक्ष मोक्ष धाम रूपंदेही नेपाल
अलौकिक होगा नेपाल का मोक्षधाम चारधाम – युगल राज पांडे संस्थापक सदस्य मोक्षधाम रूपंदेही नेपाल
मोक्षधाम निर्माण का लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा ऐसी मुझे आशा है- हरि अधिकारी पूर्व नगर प्रमुख भैरहवा नेपाल
मोक्षधाम का संपूर्ण विकास ही हमारी प्राथमिकता, महायज्ञ में आप सभी शामिल हों- वेद प्रकाश न्योपाने संचालक सदस्य मोक्ष धाम सेवा आश्रम रूपंदेही नेपाल
मोक्षधाम का विकास ही हम सब का लक्ष्य, आज की बैठक में हुई विस्तृत चर्चा – डी आर शर्मा सलाहकार मोक्ष धाम रूपंदेही नेपाल
ऐतिहासिक पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात होगा मोक्षधाम – मीना समाजसेवी रूपंदेही नेपाल
मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल : भारत का पड़ोसी देश नेपाल जो अपनी संस्कृति और आध्यात्म के मामले में भारत से लगभग मिलता जुलता है। इस देश में हिंदू धर्म के कई देवी देवताओं के बहुत पुराने मंदिर हैं, जिन्हें देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में भारतीय पर्यटक नेपाल पहुंचते हैं। इसी क्रम में बुधवार को भारतीय सीमा से सटे नेपाल के रूपंदेही जिले के तिलोत्तमा नगर पालिका वार्ड नंबर 6 पश्चिम पहुनी स्थित मोक्षधाम मंदिर परिसर में हो रहे मोक्षधाम चारधाम निर्माण एवं ताण्डुलाचल महोत्सव ज्ञान महायज्ञ संबत 2080 फाल्गुन 28 गते (11मार्च ) के भव्य आयोजन के लिए एक बैठक हुई।
इस बैठक में मोक्षधाम चारधाम के विकास के लिए विस्तृत चर्चा की गई। जहा तक मोक्ष धाम की बात है भारत के चार धाम की तरह यहां भी चार धाम का निर्माण हो रहा है। जिसमें मुक्ति नाथ मंदिर, कृष्ण मंदिर,1108 शिव लिंग, द्वादश ज्योतिर्लिंग, सहित पशुपति नाथ मंदिर,काशी विश्वनाथ मंदिर,हवन कुंड, अमृत कुंड,बाल तथा वृद्ध संगम भवन, सत्संग भवन और प्रवचन कथा सभाकक्ष का निर्माण हो चुका है। मोक्ष धाम सम्पूर्ण सनातन धर्मावलंबियों के एक पवित्र तीर्थ स्थल है। पुराणों में उल्लिखित चार धाम दर्शन, पूजन-अर्चन, ध्यान, अनुसंधान के लिए यहां पूरी व्यवस्था की गई है।
समिति ने बताया कि इस मोक्षधाम चारधाम मंदिर निर्माण में अरबों रुपए खर्च होने का अनुमान है। कथा वाचकों में
महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी स्वामी आत्मानंद गिरि जी महराज,श्री 1008 स्वामी विवेकानंद सरस्वती जी महाराज,श्री 1008 स्वामी रमणानंद गिरि जी महराज,श्री जगतगुरु मोहन शरणं देवाचार्य जी,श्री लोकानन्द जी महाराज और श्री नंद किशोर जी महाराज,श्री योगी सोमराज जी महाराज, विदुषी सुश्री यशोदा कौटिल्य,विच्युतवर आचार्य श्री चैतन्य कृष्ण जी, विशिष्ट कथा वाचक श्री किशोर शरणं सुवेदी जी, विदुषी सुश्री राधिका दासी जी, विशिष्ट कथा वाचक श्री नेत्र प्रसाद पराजुली जी, विशिष्ट कथा वाचक श्री प्रकाश तिवारी जी,श्री ईश्वर कृष्ण शास्त्री जी महाराज और विशिष्ट कथा वाचक श्री ओम प्रकाश सुवेदी जी प्रमुख हैं।