कोई सहमति नहीं, राज्य की जांच में करूंगा समर्थन- राजन जंग राणा वार्ड अध्यक्ष

मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल!भैरहवा-सिद्धार्थनगर नगर पालिका वार्ड नं. 8 के वार्ड अध्यक्ष राजन जंग राणा ने स्पष्ट कर दिया है कि दो महिलाओं द्वारा ‘नकली बेटियां’ बनकर दिवंगत नि:संतान दंपत्ति की संपत्ति हड़पने की कोशिश के मामले में उनकी कोई संलिप्तता या मिली भगत नहीं है।
श्री राणा रविवार को भैरहवा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि वे भी इस मामले में सहमत हैं और उन्होंने दावा किया कि विभिन्न मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित खबरों ने उनका गंभीरता से ध्यान आकर्षित किया है और इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।
राणा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस खबर के प्रकाशन और प्रसारण के बाद कि एक अलग वार्ड से एक नकली बेटी का खतना किया गया था और मैं इससे सहमत था,” उन्होंने कहा, ”चुने जाने के बाद मैंने सेवा में कोई प्रलोभन नहीं दिया। ग्राहक को दिया जाना था और मेरे पास ग्राहक की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं था।’ मैंने एक कप चाय भी नहीं पी है।
राणा ने कहा कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने पूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नेपाल पुलिस द्वारा लाये गये सुरगेमीन मुचुल्का पेपर पर हस्ताक्षर किये थे, लेकिन उन्हें इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है। खबर में जिन दो महिलाओं का जिक्र है उनमें से रिखी देवी अग्रवाल का घर सिद्धार् नगर पंचायत वार्ड नंबर-8 में है और उन्होंने बताया कि पुलिस उनके हस्ताक्षर के लिए जो दस्तावेज लेकर आई है, उनमें बच्चों की नागरिकता समेत सभी जरूरी दस्तावेज और प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरी महिला मालती मल्लाहिन के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
सिद्धार्थ नगर- वार्ड नंबर 6, गल्लामंडी के 46 वर्षीय लालजीत और 42 वर्षीय संत मल्लाह, उनके निःसंतान चाचा सुक्खू मल्लाह की मृत्यु के बाद, रिखी देवी अग्रवाल और मालती मल्लाहिन, जिनकी सुक्खू मल्लाह की बेटी से शादी नहीं हुई थी, की तीन लोगों ने हत्या कर दी।
उन्होंने पिछले दिनों सर्वे को गलत बताते हुए कहा था कि इसमें वार्ड अध्यक्ष राणा भी शामिल हैं। इससे पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन पर भी मिली भगत का आरोप लगाया गया था।
नकली बेटियां बनने वाली दोनों महिलाएं भारत के संतकबीरनगर जिले मेहदावल के रहने वाले बादल मल्लाह की बेटियां थीं, इस मामले में सिद्धार्थनगर के मेयर इश्तियाक अहमद खान, मायादेवी के वार्ड अध्यक्ष मोहम्मद रफीक खान थे।
रूपंदेही के तत्कालीन मुख्य प्रमुख जिला अधिकारी भरत मणि पांडे, सिद्धार्थनगर-8 के वार्ड अध्यक्ष राजन जंग राणा, और आरोप था कि मल्लाह दाजुभाई सिद्धार्थनगर-6 वार्ड सचिव बिनोद कुमार कर्ण और तत्कालीन पुलिस प्रशासन के साथ मिले हुए थे।
“मैं स्वीकार करता हूं कि पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मैंने सर्जमीन के कागजात में सही काम किया है, लेकिन मैं मिली भगत के आरोप से इनकार करता हूं। राणा ने कहा, “मैं सभी प्रकार की जांच में मदद करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूं।
अध्यक्ष राणा ने कहा कि समारोह के तुरंत बाद रिखी देवी के पति राजेश कुमार ने सभी दस्तावेजों को रोक लिया है क्योंकि निवास और रिश्ते के प्रमाण जैसी प्रक्रियाओं के लिए वार्ड कार्यालय में जमा किए गए दस्तावेजों पर संदेह करने का कारण था। ‘अगर मेरा कोई इरादा या समझौता होता, तो मैं उस कागज पर सही कर देता। राणा ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘भले ही मैं अपने वार्ड से सरजमीन बनाने की भूमिका में शामिल था, लेकिन मैंने इसमें कोई समझौता नहीं किया है।
रिखी देवी अग्रवाल और मालती मल्लाह ने सुक्खू मल्लाह की बेटी होने का दावा करते हुए हिस्सेदारी का दावा किया है, जिनकी 17 जून विक्रम संवत 2078 को मृत्यु हो गई थी। सिद्धार्थनगर, ओमसतिया और सियारी में मल्लाह बंधुओं के नाम पर 18 कट्ठा जमीन है। भैरहवा में भी 4 घर हैं। भाइयों की शिकायत थी कि जब उक्त जमीन पर कब्जा करने के लिए लड़ाई हुई तब भी उन्हें विभिन्न एजेंसियों से न्याय नहीं मिला। मल्लाह बंधुओं ने इस मामले में तथ्यों की जांच कर न्याय की मांग की है।
मल्लाह बंधुओं के मुताबिक, शुरुआत में महिला ने हिस्सेदारी की मांग करते हुए संत और लालजीत के खिलाफ जिला अदालत में मामला दायर किया था। कोर्ट द्वारा सुक्खू का मृत्यु पंजीकरण मांगे जाने के बाद दोनों महिलाएं सिद्धार्थ नगर-6 स्थित वार्ड कार्यालय पहुंचीं। वहां, वार्ड ने मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया। इसके बाद उन्होंने वार्ड और नगर पालिका के खिलाफ उच्च न्यायालय तुलसीपुर की बुटवल खंडपीठ में मुकदमा दायर किया।
दोनों के सुक्खू मल्लाह की बेटियां होने का साक्ष्य नहीं दे पाने पर कोर्ट ने 5 जनवरी विक्रम संवत 2078 को रिट अर्जी खारिज कर दी। सिद्धार्थ नगर-6 के वार्ड सचिव बिनोद कुमार कर्ण के साथ समझौते के तहत महिला को अपने बेटे सुक्खू का मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र मिलने के बाद, मल्लाह भाई सुक्खू के पिता के हिस्से पर दावा कर रहे हैं। उनका मामला फिलहाल उच्च न्यायालय बुटवल में लंबित है।