इंडो नेपाल

संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए हम सहयोग करते हैं- मुख्यमंत्री आचार्य

बुटवल नेपाल! लुंबिनी राज्य सरकार ने लुंबिनी प्रज्ञा-प्रतिष्ठान के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री चेतनारायण आचार्य ने बताया कि राज्य सरकार ने लुंबिनी प्रज्ञा प्रतिष्ठान की स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

शनिवार को बुटवल में आयोजित प्रज्ञा-नारी काव्य संगोष्ठी 2081 का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि राज्य सरकार प्रज्ञा-प्रतिष्ठान की स्थापना के लिए एक विधेयक तैयार करेगी और इसे कानूनी आधार तैयार करने के लिए राज्य विधानसभा में ले जाएगी। ‘लुंबिनी प्रांत की कला, साहित्य और संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार एक प्रांतीय संस्था बनाएगी। इसके जरिये सूबे की कला, साहित्य और संस्कृति के विकास की योजना बनाकर काम आगे बढ़ाया जायेगा। मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा-कला, साहित्य और संस्कृति का निर्माण कर हम सामाजिक विकास और परिवर्तन के अभियान में आगे बढ़ सकते हैं।

उन्होंने राय दी कि सभी को इस संबंध में चिंतित और दिलचस्पी लेनी चाहिए, उन्होंने कहा कि समाज को नुकसान उठाना पड़ता है क्योंकि साहित्य, कला और संस्कृति को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने लुंबिनी प्रांत को साहित्य के लिए उपजाऊ भूमि बनाने, कई साहित्य प्रेमियों और लेखकों के योगदान को संरक्षित करने और शोध कर रिपोर्टों का दस्तावेजीकरण करने को कहा।

उन्होंने कला, साहित्य और संस्कृति की रक्षा, विकास और प्रचार-प्रसार तथा सभी लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार को सहयोग देने का वादा जताया।

लुंबिनी प्रांत स्तरीय प्रज्ञा-नारी काव्य संगोष्ठी 2081 का आयोजन नेपाल प्रज्ञा-प्रतिष्ठान साहित्य (काव्य/काव्य) विभाग एवं लुंबिनी साहित्य संस्थान के सहयोग से किया गया है।

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के काव्य विभाग के प्रमुख बाबा बस्नेत ने कहा कि साहित्य क्षेत्र के विकास के लिए प्रांतीय स्तर पर प्रज्ञा प्रतिष्ठान का निर्माण संभव है और प्रांतीय सरकार इस योजना को आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी।

इसी प्रकार बुटवल उपमहानगर की उपप्रमुख सवित्रा देवी अर्याल ने सामाजिक परिवर्तन एवं जागृति के लिए साहित्यिक क्षेत्र के महान योगदान की चर्चा की। लुंबिनी साहित्यिक संस्थान की उपाध्यक्ष सृजना ज्ञवाली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के अध्यक्ष ऋषि आजाद ने कहा कि साहित्य संस्कृति और सभ्यता का माध्यम है। कार्यक्रम में भगवती पांडे अर्याल ने वर्किंग पेपर प्रस्तुत कर 12 जिलों की स्थिति का चित्रण किया।

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