देश के मानस परिवर्तन का अभियान है राष्ट्रीय शिक्षा नीति: डॉ कोठारी

- जड़ से जग को जोड़ने वाली नीति है राष्ट्रीय शिक्षा नीति- डॉ॰ सतीश
गोरखपुर। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास गोरक्ष प्रांत द्वारा ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना’ विषय पर आयोजित द्विदिवसीय प्रांतीय अभ्यास वर्ग सह शैक्षिक कार्यशाला के दूसरे दिन महात्मा गांधी इंटर कॉलेज परिसर स्थित राम गरीब लाल दास सभागार व महात्मा गांधी पीजी कालेज के कुसुम सभागार में कुल चार सत्रों का आयोजन किया गया।
द्वितीय दिवस के प्रथम व कार्यशाला के पंचम सत्र में ‘विमर्श: खतरे व समाधान’ विषय पर विमर्श के प्रांत प्रमुख डॉ संकर्षण त्रिपाठी ने उद्बोधन दिया। छठे सत्र में पंच परिवर्तन’ विषय पर न्यास के प्रांत संरक्षक मंकेश्वर पांडेय ने अपने विचार रखे।
सातवां सत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: क्रियान्वयन एवं चुनौतियां विषय पर परिसंवाद का रहा। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए मुख्य अतिथि डॉ अतुल भाई कोठारी ने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति किसी छोटे-मोटे बदलाव की नीति नहीं है अपितु देश के मानस परिवर्तन का अभियान है। इसमें शिक्षा का आधारभूत लक्ष्य चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास को रखा गया है। इसकी दृष्टि सर्वांगीण विकास की दृष्टि है, इसमें भारतीय भाषाओं में शिक्षा देने की बात कही गई है।
डॉ कोठारी ने कहा कि दुनिया के सभी समस्याओं का समाधान भारतीय ज्ञान परंपरा में है इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा को प्रमुखता दी गई है। यह नीति राष्ट्र के अनुरूप है इसलिए इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति नाम दिया गया है ।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 प्रधानमंत्री के जड़ से जग को जोड़ने वाली बात के अनुरूप है, यह नीति हमारे छात्रों को जड़ से जग तक जोड़ने की नीति है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में जिन बातों पर जोर दिया गया है वे भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित हैं। सत्र की अध्यक्षता कर रहे जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजीत गुप्त ने कहा कि शिक्षा में संस्कृति को जोड़कर शिक्षा का उत्थान करना शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का उद्देश्य है। न्यास ने विभिन्न पाठ्यक्रमों व व्यवस्थाओं के दोषों को दूर किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति विकसित भारत के लिए मातृभाषा को आधार बनाती है।
सत्र की प्रास्ताविकी महामना मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज भाटपार रानी देवरिया के आचार्य डॉ॰ सुधीर कुमार शुक्ल ने व अतिथियों का स्वागत न्यास के प्रान्त अध्यक्ष प्रो. विनय सिंह ने किया। आठवां व अंतिम सत्र समारोप सत्र रहा, जिसमें कुछ नये कार्यकर्ताओं के लिए न्यास में दायित्व की घोषणा पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय स्वामी के द्वारा किया गया।
सत्र का संचालन न्यास के महराजगंज जनपद प्रमुख डॉ राकेश कुमार तिवारी व आभार ज्ञापन विद्यालय के प्रबन्धक मंकेश्वर पांडेय ने किया। अन्त में प्रांत संयोजक डॉ विनय कुमार मिश्र ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का न्यास की तरफ से कृतज्ञता ज्ञापन किया।