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नेपालगंज में तनाव को देखते हुए लौटने लगे पर्यटक, बार्डर पर बेरौनक हुए बाजार

कम हुई पर्यटकों की संख्या, बहराइच से आने वाले वाहनों को बढ़नी से वापस भेजा

हर्षोदय टाइम्स : उमेश चन्द्र त्रिपाठी

बहराइच/ महराजगंज : नेपालगंज में बवाल और तनाव के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी आ गई है। बॉर्डर पर कारोबार गिर गया है। टैक्सी वालों को लौटा देने के कारण भी उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। नेपालगंज में स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण बॉर्डर क्षेत्र के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

नेपालगंज में फिर बवाल की खबर आने के बाद बॉर्डर क्षेत्रों में बाजारों में ग्राहक कम हो गए हैं। बाजार बेरौनक होने के साथ ही आसपास के लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वे पल-पल की खबर ले रहे हैं। भारत-नेपाल से रोटी-बेटी का रिश्ता है। इस समय दोनों देशों के लोग सीमा पार करने से बच रहे हैं। उनकी चिंता है कि बॉर्डर अगर ज्यादा दिनों तक सील हुआ तो दिक्कत और बढ़ जाएगी।

बहराइच का रूपंदेही बॉर्डर सील होने के कारण वहां से 110 किमी दूरी तय करके लोग बढ़नी बॉर्डर पर आ रहे हैं। वहां भी पीली प्लेट वाले भारतीय वाहनों को लौटा दिया जा रहा है। सफेद प्लेट वाले निजी वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है। इस कारण पर्यटकों की संख्या में भी भारी कमी देखी जा रही है। वहीं, बॉर्डर क्षेत्र में कारोबार भी प्रभावित हो रहा है।

अलीगढ़वा के अब्दुल कलाम ने बताया कि बॉर्डर क्षेत्र में कारोबार प्रभावित हुआ है। व्यापारियों के अनुसार हर दिन 50 लाख रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है।

नेपालगंज में कर्फ्यू और निषेधाज्ञा में ढील दी गई है। शनिवार सुबह छह से नौ बजे तक का प्रतिबंध भी हटा लिया गया है। प्रशासन के मुताबिक, शनिवार से कर्फ्यू रात आठ से सुबह चार बजे तक रहेगा। मुख्य जिलाधिकारी बिपिन आचार्य की ओर से जारी नोटिस में शनिवार सुबह नौ से रात आठ बजे तक निषेधाज्ञा बरकरार रखी गई है। इससे पहले सुबह छह से रात आठ बजे तक निषेधाज्ञा लागू थी। नेपालगंज में दो समुदायों के बीच तनाव पैदा होने के बाद बीते मंगलवार की दोपहर एक बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया था। वहां शांति व्यवस्था बहाल नहीं होने के कारण बॉर्डर क्षेत्र के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भारत-नेपाल के बढ़नी, ककरहवा, अलीगढ़वा, खुनुवां सहित अन्य बॉर्डर पर भी सख्ती बरती जा रही है।

हर दिन कम हो रही वाहनों की संख्या

भारत-नेपाल के बढ़नी बॉर्डर पर नेपाल जाने वाले वाहनों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। भंसार कार्यालय कृष्णानगर के अनुसार बुधवार को 400 वाहनों ने प्रवेश किया था। बृहस्पतिवार को 367 और शुक्रवार को 350 वाहनों ने नेपाल में प्रवेश किया। नेपाल के मुख्य भंसार अधिकारी गगनदीप ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से वाहनों की जांच की जा रही है।

नेपाल-भारत मैत्री संगठन के केंद्रीय संयोजक नेपाल राजेश ज्ञावाली ने बताया कि नेपालगंज में बवाल के बाद लगातार पर्यटकों की संख्या घटी है। नेपाल के जुमसुम, पोखरा, बर्दिया राष्ट्रीय निकुंज, चितवन राष्ट्रीय निकुंज लुम्बिनी आदि जगहों पर आने वालों की संख्या घटी है।

वापस भेज रहे पीली प्लेट वाले वाहन

भारत-नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी के जवान पीली प्लेट वाले वाहनों को वापस लौटा रहे हैं। पहले टैक्सी परमिट वाले वाहनों को भंसार कराने के बाद नेपाल में जाने की सुविधा मिलती थी। अब उन्हें बॉर्डर से वापस कर दिया जा रहा है। इस कारण पर्यटकों व जरूरतमंद लोगों को पैदल चलकर बॉर्डर पार जाना पड़ता है। इसके बाद उन्हें नेपाल के वाहन को बुक करके आगे जाना पड़ रहा है।बढ़नी बॉर्डर पर शनिवार को महाराष्ट्र से आए चालक जीतेंद्र ने बताया कि उन्हें दांग जाना था, लेकिन चेक पोस्ट से लौटा दिया गया है। उस छोटी बस में 17 लोग सवार थे। दिल्ली से आए चालक सोनू ने बताया कि उन्हें काठमांडू जाना था, लेकिन अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली। इसी बॉर्डर पर चालक अशोक ने बताया कि नेपालगंज में बवाल से पर्यटकों की संख्या में कमी आ गई है। ककरहवा बॉर्डर पर प्रमोद कुमार ने बताया कि वह पर्यटकों के साथ जाकर सहयोग करते हैं तो उन्हें कुछ रुपये मिल जाते हैं। ककरहवा बॉर्डर पर बसों को प्रवेश नहीं मिल रहा है। पर्यटक कम होने से उनका भी रोजगार कम हो गया है।

इस संबंध में एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट शक्ति सिंह का कहना है कि बॉर्डर के चेक पोस्ट पर पीली प्लेट वाले वाहनों को रोकने का आदेश नहीं दिया गया है। नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। नियम के अनुसार बॉर्डर पर वाहनों के प्रवेश हो रहे हैं।

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