इंडो नेपाल

भैरहवा में आज लोकतंत्र, संविधान एव सुशासन की चुनौती विषय पर आयोजित हुआ अंतर्क्रिया और छलफल कार्यक्रम

संविधान में नागरिकों को व्यापक अधिकार और मजबूती मिले- दिनेश त्रिपाठी वरिष्ठ अधिवक्ता नेपाल सुप्रीम कोर्ट

आनलाइन सिस्टम होने से ही भ्रष्टाचार मिटेगा और देश में सुशासन आएगा- प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी पाठक प्राचार्य भैरहवा मेडिकल कालेज

मनोज कुमार त्रिपाठी


भैरहवा नेपाल!भारतीय सीमा से सटे नेपाल के रूपंदेही जिले के भैरहवा कस्बे में स्थित होटल मौर्या में आज लोकतंत्र, संविधान एवं सुशासन विषय को लेकर आयोजित कार्यक्रम में व्यापक रूप से विचार-विमर्श हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेपाली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि नेपाल का संविधान अपने आप में बहुत मजबूत है। संविधान में नागरिकों को व्यापक अधिकार दिया गया है। पर राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। इसलिए राजनीतिक पार्टियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। ताकि आम नागरिकों को आसानी से उनका हक मिल सके।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। देश के 80 लाख युवा नौकरी और रोजगार की तलाश में पलायन कर गए हैं।‌ भ्रष्टाचार और मंहगाई से जनता त्रस्त है। सरकारी कार्यालयों में विना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा है। देश की 50 बड़ी फैक्ट्रियां बंद चल रही हैं। बड़े-बड़े राष्ट्रीय बैंकों में दलालों की भरमार है।

उन्होंने कहा कि संविधान बनने से पहले देश पर पांच खरब रूपए देश पर कर्ज था लेकिन वर्तमान में कर्ज बढ़कर 15 खरब रूपए हो गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भैरहवा मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी पाठक ने कहा कि संविधान में आम नागरिकों को जो अधिकार मिला है वह वास्तव में कहीं भी धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। इसके लिए सभी को जागरूक करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश आनलाइन सिस्टम से जब काम होगा तभी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी समाप्त होगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लुंबिनी प्रांत की पूर्व विधायक रमा आर्याल ने कहा कि देश में नीतिगत भ्रष्टाचार अधिक है। इसके लिए नागरिकों को सशक्त होना पड़ेगा।‌ लोकतंत्र में जनता की समस्यायों को सुनना चाहिए।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि संविधान सभा सदस्य आदित्य कसौधन, पूर्व सांसद विनोद उपाध्याय, धनेश्वरी देवी, विशिष्ट अतिथियों में सीपी श्रेष्ठ, तिलक घिमिरे,अवध बिहारी दुबे, प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी पाठक, विजय सागर,पवन पौड़ेल, हरिओम न्योपाने, प्रोफेसर डॉ शंभू गुप्ता समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता तथा तमाम संघ संस्थाओं के लोग मौजूद रहे।

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