एम्बुलेंस की सहायता ले रहे तीमारदार भी ट्रैक कर सकते हैं एंबुलेंस
तीनों जिले गोरखपुर , कुशीनगर , व बस्ती के ईएमटी व पायलट को 100 बेंड टीबी हॉस्पिटल गोरखपुर पर कलस्टर बेस्ट ट्रेनिंग में प्रशिक्षित किये जा रहे हैं एम्बुलेंस कर्मी
हर्षोदय टाइम्स (आदित्य मिश्रा)
गोरखपुर । ईएमरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस संस्था की तरफ से एंबुलेंस सेवा को बेहतर करने के लिए एंबुलेंस कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है । 100 बेंड वाले टीबी हॉस्पिटल गोरखपुर पर आयोजित प्रशिक्षण में कलस्टर बेस्ट ट्रेनिंग का आयोजन कर 3 जिले के एंबुलेंस चालक (पायलट) ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) को अलग-अलग बैच में बुलाकर प्रशिक्षित किए गए जिससे हर जिले के सभी जरुरत मंद मरीज को बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके और साथ ही साथ एम्बुलेंस की सुविधा को और कैसे बेहतर की जाये ।
इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर एसपी ट्रैफिक गोरखपुर श्री महेंद्र पाल सिंह सीएमओ गोरखपुर आशुतोष दुबे सीएमएस डॉ एके वर्मा टीवी हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एनके त्रिवेदी और डॉक्टर राकेश कुमार पांडे (हृदय रोग विशेषज्ञ) डॉक्टर एनके त्रिवेदी मौजूद रहे ।

इसी क्रम में ट्रेनिंग सेंटर पर एम्बुलेंस कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें एंबुलेंस में उपलब्ध दवाओं का उपयोग उपकरण का संचालन एवं आपातकाल में जूझ रहे लोगों के इलाज के बारे में बताया गया एंबुलेंस कर्मचारियों को बताया गया कि एंबुलेंस में मरीज ले जाते समय उनकी हालत को बेहतर बनाए रखना कर्मियों को प्रमुख कर्तव्य है ।
ईएमरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस की तरफ से आए ईएमएलसी टीम से ट्रेनर आलोक त्रिपाठी राणा प्रताप व क्वालिटी टीम से पवन कुमार मिश्रा प्रोग्राम मैनेजर (पीएम) अनुराग श्रीवास्तव व जिले के ईएमई के द्वारा ईएमटी पायलट को प्रशिक्षित किया गया और प्रशिक्षण में बताया कि कभी-कभी मरीज बेहोशी की हालत में रहता है तो उस दौरान मरीज का पल्स गिरता जाता है शरीर में हरकत नहीं होती है सांस भी नहीं ले पाता है ऐसी स्थिति में जान भी जाने की आशंका रहती है इस दौरान ईएमटी बेहद ही सतर्कता बरते हुए ऑक्सीजन दे चेस्ट को 30 बार दवाएं और दो बार सांस दें यह मरीज के लिए नया जीवन साबित होगा।
उन्होंने बताया कि मार्ग दुर्घटना में घायल मरीज की हड्डी टूटी हो तो इसको स्कूप स्ट्रक्चर की मदद से एम्बुलेंस तक ले आए उसके बाद मरीज के शरीर में एयर स्प्लिंट उपकरण (यह प्लास्टिक का बैग होता है जो कमर के ऊपर तीन और कमर के नीचे तीन हिस्से में शरीर को पैक कर देता है) लगाते हुए हवा भर दे और चेन खींच दें ताकि हड्डी टूटी जगह पर जाकर बैठ जाए यह लग जाने से दर्द कम होता है और जटिलताओं को रोका जा सकता है ।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त मरीज को प्राथमिक उपचार देते हुए मरीज को घर या फिर दुर्घटना क्षेत्र से अस्पताल तक पहुंचाने में बरती जाने वाली सतर्कता के बारे में छोटे बच्चों को सेवा देने, एम्बुलेंस की साफ सफाई और मरीजों व उनके परिजनों से बातचीत के तरीके आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
ट्रेनर आलोक कुमार त्रिपाठी , राणा प्रताप ने बताया कि इस ट्रेनिंग में गोरखपुर कुशीनगर और बस्ती जनपद के ईएमटी पायलट को अलग-अलग बैच में प्रशिक्षित किया जा रहा है ।
इस मौके पर आरएम अजय कुमार पांडे ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया उनके ही संरक्षण में सभी ईएमपी पायलट का प्रशिक्षण संपन्न हुआ इस मौके पर तीनों जिले के 108/102 के ईएमटी पायलटों ने दो दिन का प्रशिक्षण दे करके अपना अपना फीडबैक दिया