सीता-राम विवाह से बना भारत नेपाल का संबंध, रोटी-बेटी का रिश्ता आज भी कायम; प्राण प्रतिष्ठा पर जनकपुर में उत्सव

उमेश चन्द्र त्रिपाठी
जनकपुर नेपाल: नेपाल और भारत के लोग सामाजिक, प्राकृतिक, भौगोलिक व आध्यात्मिक रूप से एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। दोनों देश की परंपरा, रहन-सहन जीवन शैली के साथ-साथ धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक सम्बन्ध हैं। सीमावर्ती क्षेत्र का शायद ही कोई गांव होगा जहां के रिश्तेदार भारत व नेपाल में न हों। दोनों देश के लोग सामाजिक, प्राकृतिक, भौगोलिक व आध्यात्मिक रूप से एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं। सुख-दुख के साथी हैं। दोनों देश की परंपरा, रहन-सहन, जीवन शैली के साथ-साथ धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक सम्बन्ध भी काफी मजबूत हैं। अयोध्या में राम मंदिर बनने से जितनी खुशी भारतीयों को हो रही है उससे कहीं अधिक हर्ष नेपाल के सनातनियों में है। मैथिल ब्राह्मण महासभा नेपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान झा कहते हैं कि भारत से हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर, बराह क्षेत्र मंदिर, धरान के दंतकाली मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। इसी तरह नेपाल से भी हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु वैष्णो देवी, केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, अमरनाथ, काशी-विश्वनाथ, अयोध्या ,मथुरा, वृंदावन, बैजनाथ धाम, ऋषिकेश आदि जाते हैं। नेपाल के सनातनी केशव लाल सुवाल कहते हैं कि भारत-नेपाल प्राचीन काल से दो शरीर हैं, लेकिन सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत एक दूसरे को एकात्म में जोड़ती है। यही हमारी पूंजी है। नेपाल पर्यटन क्षेत्र से जुड़े होटल व्यवसायी भवेश श्रेष्ठ कहते हैं कि नेपाल में सबसे अधिक पर्यटक भारतीय क्षेत्र में आते हैं। पर्यटक से नेपाल सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलता है।

वहीं पर्यटन विभाग की मानें तो नेपाल में सबसे अधिक पर्यटक भारतीय रहते हैं। इसमें धार्मिक पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रहती है। नेपाल में लगभग 82 प्रतिशत लोग सनातन धर्म को मानने वाले हैं जिनका लगाव भारत व भारतीय लोगों से अधिक है।
नेपाल के राजविराज शहर के कारोबारी व सप्तरी व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष मनोज मूंधड़ा ने बताया कि उनकी शादी बिहार के मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर स्थान में हुई है। उन्हें आज तक किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई है। खुशी हो रही है। फारबिसगंज में शादी करने वाले नेपाल के राकेश ठाकुर हों या कुर्साकांटा में शादी करने वाले राजेश गुप्ता सबका यही कहना है कि पता नहीं चलता कि हमारी शादी दूसरे देश में हुई है। इसका कारण है हमारी सामाजिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक समानता।
नेपाल की बेटियों का भारत में काफी सम्मान
विराट नगर रानी की सुमन ठाकुर विवाह के बाद जमशेदपुर में रहती हैं। बच्चे भी बड़े हो गए। बराबर मायके आती हैं। हाल ही में भतीजे की शादी में सपरिवार पहुंची थीं। सुमन कहती हैं ससुराल से खुशहाल हूं। नेपाल की तरह यहां भी नारी का सम्मान किया जाता है। छपरा की कवयित्री पूजा का ससुराल सुनसरी के दुहबी में है। शादी के 15 वर्ष हो चुके हैं। पूजा कहती हैं कि आज तक उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि उनकी शादी दूसरे देश में हुई है।
सब कुछ अपनों जैसा है
नेपाल की धार्मिक नगरी जनकपुर में शादी करने वाले फारबिसगंज निवासी प्रमोद शर्मा ने बताया कि 24 वर्ष बाद भी उन्हें भारत-नेपाल में कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है। इसी प्रकार नेपाल के विर्तामोड़ में शादी करने वाले फारबिसगंज के युवा कारोबारी दिलीप गौतम एवं नेपाल के ही लहान शहर में शादी करने वाले विनीत गौतम ने बताया कि नेपाल की लड़की से शादी करने से उन्हें काफी खुशी है। जोगबनी इन्द्रानगर निवासी मानस पाण्डे ने बताया कि उनकी शादी नेपाल में हुई है। समय-समय पर नेपाल जाना पड़ता है। लेकिन जोगबनी सीमा से परेशानी शुरू हो जाती है। करंसी एक्सचेंज, वाहन का भंसार फिर नगरपालिका टैक्स सहित कई तरह के टैक्स का भुगतान करना पड़ता है।