
हर्षोदय टाइम्स/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नई दिल्ली/अयोध्या/ महाराजगंज : भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच पौराणिक दंडकारण्य और अभी के डांग जिले में माता शबरी के साथ भगवान श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण की मुलाकात की ऐतिहासिक क्षण को याद करते हुए माता शबरी के वंशज बेर और धनुष – तीर के साथ अयोध्या जा रहे हैं। वहां पर 9 दिन तक चलने वाले 1008 कुंडीय यज्ञ में शामिल होंगे।

अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर में भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव होने जा रहा है। इसका हर कोई गवाह बनने वाला है। वहीं दंडकारण्य के नाम से जाना जाने वाला और रामायण काल से जुड़ा गुजरात का डांग जिला भी इसका गवाह बनेगा। भावी भक्तों की शबरी धाम के प्रति गहरी आस्था है, जो इस लोककथा से बुनी गई है कि सीताजी की खोज में वन में घूमने वाले प्रभु राम और लक्ष्मण को माता शबरी ने सुबीर के पास चमका डूंगर नामक स्थान पर भोजन कराया था। उन्हें जूठे बेर खिलाए थे।अब अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे तो इस शुभ अवसर पर माता शबरी के वंशज संजय गावित पूर्व कैबिनेट मंत्री पूर्णेश मोदी के नेतृत्व में अयोध्या पहुंचेंगे और वहां बेर, धनुष-बाण चढ़ाएंगे। साथ ही प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 9 दिन होने वाले 1008 कुंडीय यज्ञ में शामिल होंगे। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने से माता शबरी के वंशज खुशी से फूले नहीं समा रहे।