नेपालमहराजगंज

नेपाल ने रूसी सेना में भर्ती अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी की मांग की

भारत के साथ राजनयिक बातचीत का जिक्र

सार
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा की कई नेपालियों को यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है और कई मारे गए हैं। उन्होंने दोहराया कि सरकार उनके बचाव और सुरक्षित वापसी के लिए सभी राजनयिक प्रयास कर रही है।

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू/महराजगंज! नेपाल के उप प्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने सोमवार को दावा किया कि सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध में काम कर रहे नेपाली नागरिकों को बचाने और उनकी वापसी के सभी प्रयास किए हैं। एक बैठक को संबोधित करते हुए श्रेष्ठ ने कहा कि रूसी सेना में काम कर रहे नेपालियों की संख्या, उनकी स्थिति के बारे में जानकारी, मृतकों के शवों की वापसी, पीड़ितों को प्रदान किए जाने वाले मुआवजे और रूसी सेना में भर्ती नेपाली नागरिकों की सुरक्षित वापसी जैसे मुद्दों पर रूसी सरकार के साथ बातचीत जारी है।

विदेश मंत्री श्रेष्ठ ने कहा कि सरकार के पास सूचना है कि रूसी सेना में भर्ती कई नेपाली नागरिक घायल हुए हैं और संकट में हैं। उन्होंने कहा कि कई नेपालियों को यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है और कई मारे गए हैं। उन्होंने दोहराया कि सरकार उनके बचाव और सुरक्षित वापसी के लिए सभी राजनयिक प्रयास कर रही है। मुआवजे पर सहमति देकर रूसी सरकार ने अब उसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। हमने इसके लिए पहले ही जरूरी दस्तावेज भेज दिए हैं।

उन्होंने कहा, हमने मांग की है कि अगर रूसी सेना का नेपालियों के साथ सेना में शामिल होने का समझौता है तो उसे रद्द कर दिया जाना चाहिए और उन्हें नेपाल वापस भेज दिया जाना चाहिए। श्रेष्ठ ने कहा कि वह रूसी विदेश मंत्री के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं और रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ सीधे बातचीत करने की भी कोशिश कर रहे हैं।

श्रेष्ठ ने आगे कहा, हमने यूक्रेन द्वारा युद्धबंदी के रूप में पकड़े गए लोगों की वापसी की भी मांग की है। इसके लिए हम रूस के विदेश मंत्री के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय से बात कर रहे हैं।

बैठक के दौरान नेपाल-भारत सीमा मुद्दे और ईपीजी (प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह) के बारे में उठाए गए सवालों पर उन्होंने बताया कि सुस्ता और कालापानी सीमा विवाद अभी भी औपचारिक चर्चा में है। नेपाल द्वारा लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी के विवादास्पद क्षेत्रों को 100 रुपये के नए नोट के नक्शे में छापने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि नेपाल-भारत संबंधों के सभी आयामों को राजनयिक बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।

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