आर्थिक मंदी और मंहगाई से जूझता नेपाल

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता ही आर्थिक मंदी का प्रमुख कारण – सिद्धार्थ अग्रवाल केन्द्रीय सदस्य नेपाल-भारत मैत्री संघ
मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल! नेपाल- भारत मैत्री संघ के केंद्रीय सदस्य सिद्धार्थ अग्रवाल ने हर्षोदय टाइम्स संवाददाता मनोज कुमार त्रिपाठी से एक साक्षात्कार के दौरान कहा है कि नेपाल में आर्थिक मंदी का प्रमुख कारण राजनीतिक अस्थिरता है।
सिद्धार्थ अग्रवाल केन्द्रीय सदस्य नेपाल-भारत मैत्री संघ भैरहवा नेपाल
उन्होंने कहा कि नेपाल कृषि और पर्यटन पर निर्भर है लेकिन कोरोना काल और देश में भयानक भूकंप से तबाही और बर्बादी के बाद अब तक नेपाल की आर्थिक स्थिति में जरा भी सुधार नहीं हुआ। बार-बार सरकार का बनना और विगड़ना भी आर्थिक मंदी का एक बड़ा कारण है। नेपाल में जिस तरह से भारतीय पर्यटक पहले आते थे अब उनका आना भी काफी कम हो गया है।
नेपाल में कृषि में भी सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी होने के कारण देश का युवा वर्ग अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर के देशों में पलायन कर रहा है जो नेपाल के लिए अच्छा संदेश नहीं है। सरकार को इस तरह की समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है ताकि देश का युवा बाहरी देशों में न जाने पाए और नेपाल में ही उसे रोजगार मुहैया कराया जाए नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा कि देश में केवल बुजुर्ग नागरिक ही रह जाएंगे जो नेपाल के लिए खतरे की बात है।
उन्होंने कहा कि मंदी का मतलब यह है कि किसी भी चीज का लंबे समय के लिए मंद या सुस्त पड़ जाना और जब इसी को अर्थव्यवस्था के संदर्भ में कहा जाए, तो उसे आर्थिक मंदी कहा जाता हैं । लंबे समय तक जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी और सुस्त पड़ जाती है, तब उस स्थिति को आर्थिक मंदी के रूप में परिभाषित किया जाता है । सवाल ये उठता है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था मंदी में जाती कैसे है ?
तो इसे सहज शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि, जब किसी अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ घटती है, तो उसे तकनीकी रूप में मंदी का नाम देते हैं । यानि अर्थव्यवस्था जब बढ़ने की बजाय गिरने लगे, और ये लगातार कई महीनों तक होती रहे, तब किसी भी देश में आर्थिक मंदी की स्थिति बनने लगती है।
