प्रशांत कुमार जैसे जांबाज अफसर को दी गई यूपी के डीजीपी की कमान

लखनऊ/महाराजगंज/ उमेश चन्द्र त्रिपाठी : उत्तर प्रदेश सरकार ने आईपीएस प्रशांत कुमार को सूबे का नया पुलिस प्रमुख बनाने का आदेश जारी कर दिया। प्रक्रिया पूरी करने तक वे कार्यवाहक डीजीपी होंगे। हालांकि, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके पास पूरे पावर होंगे। वैसे भी यूपी में पिछले चार डीजीपी कार्यवाहक ही रहे हैं। दरअसल, पूर्णकालिक डीजीपी के लिए भारत सरकार को पैनल भेजना पड़ता है। वहां से क्लियरेंस मिलने के बाद ही पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति होती हैं।
बहरहाल, प्रशांत कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद विश्वस्त पुलिस अधिकारी माने जाते हैं। वे लंबे समय से यूपी का लॉ एंड आर्डर विभाग संभाल रहे थे। प्रशांत कुमार 16 अफसरों को सुपरसीड करके कार्यवाहक डीजीपी बने हैं।
ईओडब्लू और एसआईटी प्रमुख भी रहे
कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद भी प्रशांत कुमार के पास ईओडब्ल्यू और स्टेट एसआईटी की जिम्मेदारी बनी रहेगी। यूपी का कानून-व्यवस्था का दायित्व संभालने के बाद ईओडब्लू और स्टेट एसआईटी का प्रभार भी संभाल रहे थे।
एमएससी, एमफिल
आईपीएस चुने जाने से पहले प्रशांत कुमार एमएससी, एमफिल और एमबीए की पढ़ाई की है। हालांकि, यूपीएससी में उनका चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था। मगर पत्नी के बेस पर उनका यूपी कैडर ट्रांसफर हो गया। उनकी पत्नी डिम्पल वर्मा 1994 बैच की यूपी कैडर की आईएएस अफसर हैं।
चार गलेंट्री अवार्ड
स्पेशल डीजी से पहले वे मेरठ के एडीजी भी रहे हैं। 26 जनवरी को प्रशांत कुमार गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित हुए हैं। आईपीएस प्रशांत को ये अवार्ड चौथी बार मिला हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार 300 से अधिक एनकाउंटर में भी शामिल रहे हैं। ऐसे कई मौके भी आए जब सरकार संकट में रही तो प्रशांत कुमार संकटमोचक बनकर खड़े हो गए।
मूल रूप से बिहार के सीवान निवासी प्रशांत कुमार को योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में एक माना जाता है। जब वो मेरठ एडीजी थे इस दौरान कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उनको एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया था।
बिहार के मूल निवासी
प्रशांत कुमार का डायरेक्टर जनरल के पद पर प्रमोशन का आदेश दिसंबर 2023 में जारी किया गया है। 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। अपनी मूछों और तेजतर्रार छवि की वजह से उन्हें सिंघम भी कहा जाता है।