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बीआरआई के चंगुल में नेपाल, 14 ट्रेड रूट खोलने जा रहा चीन, नेपालियों को फ्री वीजा भी देगा

मनोज कुमार त्रिपाठी

काठमांडू/महराजगंज ! भारत का पड़ोसी देश नेपाल चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के जाल में पूरी तरह फंस चुका है। इस कारण नेपाल पर चीन का कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन, नेपाल की पुष्प कमल दहाल सरकार चीन के साथ कम्युनिस्ट-कम्युनिस्ट खेल रही है। नेपाल के पूरी तरह चीन के कब्जे में जाने के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को प्रमुख वजह माना जा रहा है। ओली घोषित तौर पर चीन के करीबी नेता हैं। उन्होंने चीन के इशारे पर कुछ दिनों पहले ही पुष्प कमल दहाल की पार्टी के साथ गठबंधन कर नेपाल में नई सरकार बनाई है। नई सरकार के निर्माण के बाद नेपाल के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने चीन की यात्रा की थी।

नेपाल के साथ 14 व्यापारिक मार्ग खोलेगा चीन

चीन से वापस लौटने के बाद उप प्रधानमंत्री श्रेष्ठ ने कहा कि चीन दोनों देशों के बीच पारंपरिक व्यापार मार्गों को फिर से खोलने पर सहमत हुआ है। उन्होंने त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बातचीत करते हुए कहा, “चीन मौजूदा चीन-नेपाल व्यापार मार्गों में से 14 को खोलने पर सहमत हो गया है जो कोविड-19 के कारण बंद हो गए थे। मुझे उम्मीद है कि इससे सीमा क्षेत्र के करीब रहने वाले लोगों के दैनिक जीवन में आसानी होगी।” उन्होंने यह भी कहा, “नेपाल और चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर नियमित रूप से चर्चा करने के लिए एक मंत्रालय-स्तरीय संयुक्त आयोग बनाने पर भी सहमति हुई है।”

नेपालियों को फ्री वीजा भी देगा चीन

श्रेष्ठ ने कहा, नेपाल में बेल्ट एंड रोड पहल के कार्यान्वयन के संबंध में भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री के अनुसार, चीन चीन आने वाले नेपाली नागरिकों को मुफ्त वीजा प्रदान करने को लेकर भी सकारात्मक रहा है। श्रेष्ठ ने कहा, “नेपाल 2016 से नेपाल आने वाले चीनी पर्यटकों को मुफ्त वीजा प्रदान कर रहा है। मैंने उत्तरी पड़ोसी की यात्रा करने वाले नेपालियों के लिए भी इसे लागू करने का अनुरोध किया है, जिसके लिए उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

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