राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी केन्द्रीय कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार पर विफलता का लगाया आरोप

उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू नेपाल! राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के कार्यवाहक प्रवक्ता मनीष झा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार पर विफलता का आरोप लगाया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुशासन,नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण में सुधार और संवैधानिक संशोधन के मुख्य उद्देश्यों के साथ नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल की भागीदारी के साथ 31 जून, 2081 को बनी केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार सौ दिन पूरे कर रही है। तीन महीने पूरे मूल्यांकन का आधार नहीं हैं, लेकिन इस बीच सरकार अपनी घोषित प्रतिबद्धता को पूरा करने के शुरुआती संकेत भी नहीं दिखा पाई है।
आपदा तैयारियों में विफल सरकार आपदा प्रबंधन में भी विफल रही है। सत्तारूढ़ दल द्वारा मुकदमों का सामना कर रहे विवादित व्यवसायियों से करोड़ों रुपये की भूमि दान लेकर हितों के टकराव की भयावह प्रथा से सुशासन का रुख कमजोर हुआ है। उम्मीद थी कि सरकार संविधान में संशोधन पर बहस को जायज ठहराने के लिए श्वेत पत्र जारी करेगी, लेकिन अब ये मुद्दा छाया हुआ है।

आज आम नागरिकों में अत्यधिक असंतोष तथा उद्यमियों एवं व्यापारियों में निराशा है। जैसे-जैसे सरकार की अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता कमजोर हुई है, द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में गतिरोध आना शुरू हो गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि दो-तिहाई की सरकार आत्मविश्वास और दक्षता कम होने के कारण ‘कामचलाऊ’ हो गई है। यहां तक कि सरकार की निगरानी करने वाली संसदीय समितियां भी सत्तारूढ़ दल के बहुमत की बंधक बन गई हैं।
संवाद के बिना लोकतंत्र फल-फूल नहीं सकता। जब अर्थव्यवस्था कमजोर हो, आपदा प्रबंधन कमजोर हो, सामाजिक स्थितियां तनावपूर्ण हों और युवाओं में निराशा फैल रही हो तो नागरिक समाज और जन प्रतिनिधि चुप नहीं रह सकते। इसलिए, चूंकि राष्ट्रीय जीवन की सभी समसामयिक समस्याओं पर चर्चा की तत्काल आवश्यकता है, इसलिए नेशनल इंडिपेंडेंट पार्टी प्रतिनिधि सभा के एक विशेष सत्र की अपील करती है और सभी राजनीतिक दलों का ध्यान आकर्षित करती है।