नेपाल की चाल, जिस चीनी कंपनी ने पहले छापा था विवादित नक्शा, पुनः उसी कंपनी को दिया नोट छापने का दिया ठेका

सार
नेपाल एक बार फिर चीन के दम पर आंख दिखा रहा है। दरअसल जिस कंपनी ने नेपाल का विवादित नक्शा छापा था, उसी कंपनी को पुनः विवादित नोट छापने का ठेका दिया है। कंपनी ने विवादित नक्शे में भारत के कुछ हिस्सों को नेपाल का दिखाया था।
उमेश चन्द्र त्रिपाठी / मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू ! सीमा विवाद को लेकर नेपाल और भारत के साथ तकरार जारी है। इस बीच नेपाल ने एक बार फिर चीन के दम पर भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया है। नेपाल के केन्द्रीय बैंक नेपाल राष्ट्र बैंक ने देश के संशोधित राजनीतिक मानचित्र वाले 100 रुपये के नए नोट छापने का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया है। नेपाल के मंत्रिमंडल ने 100 रुपये के नोट के डिजाइन में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
नए राजनीतिक मानचित्र को 18 जून, 2020 को नेपाली संविधान में संशोधन कर मंजूरी दी गई थी जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को देश के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है। भारत ने पहले ही नेपाल द्वारा किए गए क्षेत्रीय दावे को कृत्रिम विस्तार करार दिया और अस्थिर करने वाला बताया है।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिमी नेपाल की सीमा पर स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसका हिस्सा है। अंग्रेजी अखबार रिपब्लिका के मुताबिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक निविदा प्रक्रिया के बाद ‘चाइना बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन’ को यह ठेका दिया गया है।

खबर के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने कंपनी से 100-100 रुपये के 30 करोड़ नोट की डिजाइनिंग, मुद्रण, आपूर्ति और वितरण का अनुरोध किया है, जिसकी अनुमानित मुद्रण लागत लगभग 89.9 लाख अमेरिकी डॉलर है। नेपाल राष्ट्र बैंक के प्रवक्ता से हालांकि इस संबंध में प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
चीन जाएंगे नेपाली पीएम
वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली बिन बुलाए चीन जाने वाले हैं। नेपाली प्रधानमंत्री कार्यालय के एक उच्चस्तरीय सूत्र का हवाला देते हुए ‘माई रिपब्लिका’ अखबार ने यह जानकारी दी। बताया गया है कि नेपाली विदेश मंत्रालय प्रधानमंत्री ओली की चीन यात्रा की तैयारी सरकार के नए कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के पहले प्रस्तावित कर रहा है।