खुली सीमा के कारण नेपाल में भारत से सबसे ज्यादा आती हैं दवाएं- तेजू लाल चौधरी युवा व खेल मंत्री

मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू! युवा एवं खेल मंत्री तेजू लाल चौधरी ने कहा है कि नेपाल में ज्यादातर दवाएं भारत से आती हैं।
रविवार को काठमांडू में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच खुली सीमा से दवाओं की आपूर्ति में भी आसानी होती है। उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण की जरूरत है। क्योंकि नेपाल में स्कूल स्तर से ही युवाओं में सिगरेट पीने और नशीली दवाओं के सेवन की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नियंत्रण के लिए कई कानून-कायदे बनाए हैं, लेकिन जितना नियंत्रण होना चाहिए था उतना नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि हालांकि नेपाल में दवा बनाने वाली कोई कंपनी नहीं है, लेकिन खुली सीमा के कारण भारत से ज्यादा दवाएं लाई जाती हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात पर चर्चा करने को तैयार हैं कि दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं के नियंत्रण पर कैसे काम किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘नेपाल में नशे की बात करें तो स्कूली स्तर पर ही छात्रों को सिगरेट, बीड़ी की लत लगनी शुरू हो जाती है। स्कूल स्तर से लेकर यहां के विद्यार्थी विभिन्न कारणों से कक्षा 9 या 10 से ही सिगरेट, बीड़ी पीना शुरू कर देते हैं। जब वे बड़े हो जाते हैं तो नशीली दवाएं लेना शुरू कर देते हैं। वे भारत से या अन्य तीसरे देशों से खाते हैं।
इसके कारण युवा विकलांग हो जाते हैं। नेपाल सरकार ने अपने अधीन विभिन्न कानून और नियम बनाये हैं। लेकिन दुनिया दवाओं को लेकर जितनी चिंतित है, नेपाल में दवा बनाने वाली कोई कंपनी नहीं है। लेकिन दवा आपूर्तिकर्ता ज्यादातर भारत से हैं। खुली सीमाओं के कारण या किसी अन्य कारण से। खुली सीमा है, इसे गोजी में भी लाया जाता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। इसी तरह, नेपाल सरकार दोनों देशों के बीच नशीली दवाओं के नियंत्रण पर कैसे काम किया जाए, इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है।’ मंत्री चौधरी ने समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार से मदद मांगी क्योंकि नेपाल में नशे की समस्या ज्यादा नहीं है।
