नेपाल

ओली के चीन दौरे से खुश नहीं पूर्व पीएम पुष्प कमल दहाल

दहाल ने चीन दौरे से पहले ओली को दी है नसीहत

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू! नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के दिसंबर में होने वाले दौरे को लेकर विपक्ष के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने उनकी आलोचना की है। पूर्व पीएम दहाल ने ओली पर ‘चीन कार्ड’ खेलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार विदेश नीति में संतुलन बनाने में नाकाम हो रही है। उन्होंने कहा कि ओली की नीतियों की वजह से भारत-नेपाल के संबंधों में तनाव है और सीमा विवाद के फिर से भड़कने का खतरा है। एक प्रतिष्ठित अखबार के साथ दिए गए इंटरव्यू में नेपाल के सीनियर राजनेता पुष्प कमल दहाल ने उक्त बातें कही हैं।

दहाल ने कहा, ‘मैंने अपने 18 महीने के कार्यकाल के दौरान भारत-नेपाल संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। जून 2023 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान हम कई महत्वपूर्ण समझौतों पर पहुंचे, जो दूरगामी थी। मुझे लगता है कि मेरी सरकार के हटने के बाद नेपाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है। ओली की नीतियां सही दिशा में नहीं है।

ओली के चीन जाने पर दिया जवाब

केपी शर्मा ओली को भारत से न्योता न मिलने और उनके चीन जाने के सवाल पर दहाल ने काठमांडू में एक प्रतिष्ठित अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि यह ओली के नेतृत्व वाली सरकार की अपरिपक्वता दिखाता है। उन्हें दोनों पड़ोसी यानी भारत और चीन के साथ संबंधों को साधने में ज्यादा परिपक्वता दिखानी चाहिए। केपी शर्मा ओली की चीन यात्रा से मुझे लगता है कि वह ‘चीन कार्ड’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि ठीक नहीं है। ओली को चीन जाने से पहले भारत के साथ नेपाल के ऐतिहासिक संबंधों को स्वीकारना चाहिए था।

दहाल ने कहा कि हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी मुद्दे पर भारत और नेपाल ने पिछले साल ऐतिहासिक समझौतों किया था। हम पंचेश्वर बहुउद्देशीय प्रोजेक्ट पर भी डील फाइनल करने के काफी करीब थे। दहाल ने कहा मौजूदा स्थिति में कुछ सकारात्मक होने की बजाय डर है कि सीमा मुद्दे (सुस्ता-कालापानी-लिंपियाधुरा) फिर से परेशानी का सबब बन सकते हैं। मुझे लगता है कि नेपाल सरकार को सावधानी से आगे बढ़ते हुए संबंधों को सुधारने और मुद्दों को हल करने की जरूरत है।

नेपाल की सत्ता की दौड़ से खुद को अलग करते हुए दहाल ने कहा कि वह वर्तमान में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपना सारा ध्यान नेपाल के लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने पर लगाना चाहता हूं। मैं पद के पीछे नहीं भागना चाहता हूं। अगर पद मेरे पीछे पड़ गया तो फिर हमारी पार्टी को तय करना होगा। मैं फिलहाल पार्टी को जनता के बीच ले जाने में लगा हूं।

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