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लॉरेंस बिश्नोई से संबंध दिखाकर दुर्गा प्रसाई को फंसाने की केपी सरकार की चाल

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू नेपाल! नागरिक बचाओ महाअभियान नेपाल के संयोजक दुर्गा प्रसाई और भारतीय कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के बीच कोई संबंध नहीं होने की बात स्पष्ट हो गई है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर नेपाली व्यवसायियों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार हरिचंद्र फुयाल के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात के मामले में जांच चल रही है।

हालांकि, यह स्पष्ट हो चुका है कि हरिचंद्र फुयाल और दुर्गा प्रसाई के बीच कोई संपर्क नहीं था। दुर्गा प्रसाई को जबरदस्ती हरिचंद्र फुयाल से जोड़कर फंसाने का षड्यंत्र चल रहा है।

भूतकाल में प्रसाई और फुयाल के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन धमकी देने का कोई सबूत नहीं मिला है। उनके बीच बातचीत हुई थी, लेकिन ऐसी किसी संदिग्ध गतिविधि के प्रमाण नहीं मिले हैं। उक्त बातें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईबी ) के एक अधिकारी ने बताया।

हाल ही में, बड़े मीडिया संस्थानों ने दावा किया कि प्रसाई ने भारतीय गुंडा लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर धमकी दी थी, लेकिन इस विषय में कोई सत्यता नहीं है। सीआईबी के एक अधिकारी ने बताया कि प्रसाई के साथ फोन पर बातचीत हुई थी, लेकिन किसी के नाम का उपयोग कर धमकी देने का कोई प्रमाण नहीं है।

सीआईबी के एसपी और प्रवक्ता होविंद्र बोगटी ने भी कहा कि फोन संपर्क हुआ था, लेकिन व्यवसायियों को धमकी देने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। चूंकि जांच जारी है, इसलिए इस मामले में कोई ठोस जानकारी साझा नहीं की गई है।

प्रसाई को सीआईबी ने 19 नवंबर को भक्तपुर स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ साइबर ब्यूरो द्वारा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन एक्ट के उल्लंघन के तहत जांच की जा रही है। साइबर ब्यूरो का काम पूरा होने के बाद सीआईबी द्वारा आगे की जांच की जाएगी।

प्रसाई और हरिचंद्र फुयाल के बीच कोई व्यक्तिगत जान-पहचान या मुलाकात नहीं थी। प्रसाई के सचिवालय के अनुसार, महाअभियान के दौरान कोई भी फोन कर सकता है और सामान्य आर्थिक मदद मांग सकता है।

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