उत्तर प्रदेशकुशीनगर

जिले में संचारी रोगों के खिलाफ शुरू हुआ विशेष अभियान

उच्च प्राथमिक विद्यालय पडरौना परिसर ने स्कूली बच्चों द्वारा निकाली गयी जागरूकता रैली

बीएमओ डाक्टर सुरेश पटारिया और बीएसए रामजीयावन मौर्य ने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना

हर्षोदय टाइम्स (धनंजय पाण्डेय)

कुशीनगर : (एक अप्रैल 2023) जिला मुख्यालय पर एक बड़े आयोजन के साथ जनपद में संचारी रोगों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ। इस अभियान के तहत जहां घर-घर जाकर संचारी रोगों के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है वहीं इन रोगों को नियंत्रित करने के लिए जांच और तेज की जाएगी। स्कूली बच्चों ने उच्च प्राथमिक विद्यालय पडरौना परिसर से संयुक्त रूप से संचारी रोग नियंत्रण माह और स्कूल चलो अभियान की रैली निकाली . रैली को सीएमओ और बीएसए ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्य चिकित्साधिकारी सुरेश पटारिया ने बताया कि जनपद में आज यानि एक अप्रैल विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान जनपदवासियों को वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों व लू आदि से बचाव व उपचार के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसी बीच 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान भी संचालित किया जाएगा।


सीएमओ ने बताया कि जो बीमारी एक मरीज से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में दूषित भोजन, जल या संपर्क या कीटनाशक या जानवर से फैलती है उसे संचारी रोग कहते हैं। इसमें प्रमुख रूप से डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, चिकिनगुनिया, क्षय और कुष्ठ रोग आदि हैं। इन्हीं बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए विशेष संचारी रोग चल रहा है।

इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एक नोडल के रूप में कार्य कर रहा है जबकि अन्य विभागों को सहयोग करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। साथ ही ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सफाई के साथ लारवारोधी गतिविधियां और फागिंग भी कराई जा रही है। इस अभियान के तहत घर-घर सर्वेक्षण कर फ्लू, खांसी, बुखार के रोगियों व कुपोषित बच्चों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान आशा संगिनी, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमुख भूमिका में घर-घर जाकर अभियान सफल बनाएंगी। उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस पर जिले में मलेरिया निगरानी में सुधार और वार्षिक रक्त परीक्षण दर 10 तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

कालाज़ार व फाइलेरिया पर रहेगा जोर

मलेरिया निरीक्षक विजय गिरी ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक फाइलेरिया और वर्ष 2023 के अंत तक कालाजार खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में कालाज़ार से प्रभावित गांवों में शत-प्रतिशत आवासों को पक्का और बालू मक्खी प्रतिरोधी बनाया जाएगा। फाइलेरिया से प्रभावित गांवों में माइक्रोफाइलेरिया की दर शून्य के तय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक परीक्षण किया जाएगा। हाथी पांव या लिम्फेडेमा के रोगियों को स्व-देखभाल के लिए एमएमडीपी किट वितरित की जाएगी और हाइड्रोसील के शत-प्रतिशत रोगियों की सर्जरी सुनिश्चित की जाएगी।

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