रुपए को लेकर भारत-नेपाल के रिश्तों में खटास, दोनों देशों में है रोटी-बेटी के संबंध

नेपाल में भारतीय करेंसी के प्रतिबंध से व्यापार और पर्यटन हुआ चौपट, कामगारों को नहीं मिल रहा हैं रोजगार – सीपी श्रेष्ठ अध्यक्ष होटल व्यवसाई संघ नेपाल
मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : नेपाल- भारत के बीच रोटी-बेटी के ही नहीं बड़े पैमाने पर कारोबारी संबंध भी हैं। भैरहवा स्थित रंण अंबिका आंख अस्पताल में अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए भारत से हजारों की संख्या में मरीज प्रतिदिन आते-जाते हैं। नेपाल के बाजारों में सालों से भारतीय करेंसी से लेनदेन चलता रहा है। वर्ष 2021 से नेपाल सरकार ने भारत के सौ से ऊपर के नोट (200, 500 और 2000 रुपये) प्रतिबंधित किए हैं। पड़ोसी मित्र देश नेपाल में वहां की सरकार ने सौ से ऊपर के भारतीय नोट के चलन पर रोक लगाई है। इससे दोनों देशों के कारोबार पर असर पड़ रहा है और कारोबारी भी परेशान हैं।
यही नहीं घूमने और खरीददारी के लिए नेपाल जा रहे भारतीय पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सौ रुपये के नोट पर प्रतिबंध नहीं है और सौ के नोट 25 हजार रुपये तक नेपाल ले जाए जा सकते हैं। स्वास्थ्य, व्यापार, पर्यटन एवं अन्य दृष्टिकोण से, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, कानपुर, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड,पश्चिमी बंगाल, कर्नाटक, उड़ीसा और विहार सीमांचल के पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज के अलावा अन्य जिलों के ऐसे लोग जो नेपाल जाते हैं,उन्हें भारतीय करेंसी को चलाने में यहां पर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई ऐसे लोग भी हैं जिनका भारतीय करेंसी एक्सचेंज नहीं होने के बाद उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है । विराटनगर स्थित आंख अस्पताल में इलाज कराने के लिए गए खगड़िया के दर्जनों मरीज सिर्फ इसलिए बैरंग लौट गए कि उन लोगों के पास पांच सौ रुपया का नोट था और बॉर्डर पर एक्सचेंज नहीं हो पाया। चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राजेंद्र संचेती कहते हैं कि नेपाल में भारतीय करेंसी के बड़े नोट का प्रचलन नहीं होने से खासकर सीमाई इलाकों का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
बैंक नहीं ले रहे बड़े नोट
इस तरह के मामलों को लेकर कई बार नेपाल व्यापार संगठन से भी बातचीत करने की कोशिश की गई है। भारत और नेपाल के मैत्री संबंधों की वजह से व्यापारिक रिश्ते काफी सरल है। लेकिन नेपाल के राष्ट्रीय बैंक के द्वारा भारतीय एक सौ से अधिक नोट के प्रचलन को पाबंदी है।
100 पर 40 पैसे कमीशन लेने का प्रावधान
नेपाल में भारतीय एक सौ रुपया का नेपाली करेंसी में मूल्य एक सौ साठ रुपया है। दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध रहने की वजह से रुपया बदलने के सटही काउंटर ( मुद्रा एक्सचेंज) भी है। जिसमें एक सौ रुपया का एक्सचेंज करने पर मात्र चालीस पैसा ही लेने का प्रावधान है। परंतु दर्जनों की संख्या में दलाल बॉर्डर पर मंडराते रहते हैं। जिनका काम होता भोले लोगों को अपने जाल में फंसा कर एक सौ रुपया एक्सचेंज में दस से पंद्रह रुपया वसूला जा रहा है।
इस संबंध में नेपाल के होटल व्यवसाई संघ के अध्यक्ष सीपी श्रेष्ठ का कहना है कि जब से सरकार ने नेपाल में भारतीय 200,500 और 2000 के नोट पर प्रतिबंध लगाया है। यहां का व्यापार और पर्यटन उद्योग पूरी तरह चौपट हो गया है। यहां के कामगारों को कोई भी रोजगार नहीं मिल रहा है जिससे यहां का हर वर्ग पीड़ित है। नेपाल सरकार को इस पर पुनर्विचार कर शीघ्र बदलाव लाने की जरूरत है ताकि नेपाली आवाज को बदहाली से बचाया जा सके।