पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर पुनः लटकी तलवार

बस्ती के व्यापारी के बेटे राहुल मद्धेशिया के साल 2001में हुए अपहरण का मामला
भगोड़ा घोषित, कुर्की का नोटिस चस्पा, पुलिस ने कसा शिकंजा, छापेमारी जारी
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और नौतनवां के बाहुबली विधायक रहे अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर से मुश्किलों में घिर गए हैं। कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दरअसल, अमरमणि 22 साल पहले बस्ती जिले में हुए बिजनेस मैन के बेटे राहुल मद्धेशिया अपहरणकांड के मुख्य आरोपी हैं। इस केस में उनको 1 नवंबर को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वो पेश नहीं हुए जिसके बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई और अमरमणि को हाजिर कराने का आदेश दिया।
जब अमरमणि त्रिपाठी का कोई पता नहीं लगा तो पुलिस ने उन्हें फरार घोषित कर दिया। साथ ही घर पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया। फिलहाल, पुलिस ने अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए 3 टीमों को लगाया है। उन्हें 16 नवंबर को गिरफ्तार करके कोर्ट के सामने हाजिर करने का आदेश भी बस्ती एसपी द्वारा दिए गए हैं।
बता दें कि अमरमणि के गोरखपुर में हुमायूंपुर दक्षिणी स्थित आवास पर बस्ती कोतवाली पुलिस ने बीते शनिवार को कुर्की का नोटिस चस्पा किया था। यह कार्रवाई एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर हुई थी। अपहरण के 22 वर्ष पुराने मामले में मुख्य आरोपी अमरमणि के कोर्ट में हाजिर न होने पर कुर्की का आदेश एक नवंबर को जारी हुआ था। अब मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को यानि कल होनी है।
बाहुबली पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी की तलाश में जुटी पुलिस की तीन टीमें
कोर्ट की सख्ती के बाद अब बस्ती के एसपी ने अमरमणि त्रिपाठी की तलाश में एक विशेष टीम गठित की है। एसओजी और सर्विलांस सहित 3 टीमों को बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए लगाया है। भगोड़ा घोषित करने के साथ ही मकान पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया गया है।

कोर्ट की फटकार, कुर्की का नोटिस
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही अमरमणि त्रिपाठी कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सजा माफी के बाद जेल से रिहा हुए हैं। लेकिन अब वो 22 साल पुराने अपहरण कांड में फंसते नजर आ रहे हैं। अमर मणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश ना होने और बहाने बनाने के चलते कोर्ट ने बस्ती पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही आदेश दिया था कि अमर मणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा पेपर में इश्तिहार निकला जाए और 16 नवंबर को इस पूरी कार्रवाई की पत्रावली को कोर्ट में पेश किया जाए।
क्या है मामला ?
मालूम हो कि अमरमणि त्रिपाठी पर बस्ती कोतवाली में 22 साल पहले एक बिजनेसमैन के बेटे राहुल मद्धेशिया के अपहरण करने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी सुनवाई बस्ती की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। लेकिन मुख्य आरोपी अमर मणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश न होने के चलते इस मामले में आगे की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जिस पर 16 अक्टूबर को कोर्ट के जज ने कड़ा रूख अपनाते हुए बस्ती एसपी को यह आदेश दिया कि वह हर हाल में अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश करे। लेकिन बस्ती पुलिस उन्हें कोर्ट में पेश करने में असफल साबित हुई। जिसके बाद कोर्ट ने बस्ती के एसपी को फटकार लगाई और कहा कि गरीब अपराधियों को पकड़ने में पुलिस महकमा पूरी तत्परता से लग जाता है पैरवी भी बड़ी ही तत्परता पूर्वक करता है लेकिन जैसे ही किसी प्रभावशाली दुर्दांत अपराधी को पकड़ने की बात आती है तो पुलिस के कदम डगमगा जाते हैं।
बस्ती पुलिस की कार्य प्रणाली पर कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि बस्ती पुलिस के इस ढुलमुल रवैए से फरार अभियुक्त की पेशी न होने के चलते इस मामले में सुनवाई लगातार लंबित होती चली जा रही है। जिसके बाद पुलिस टीम ने अमर मणि त्रिपाठी के मिलने वाले संभावित ठिकानों पर दबिश दी लेकिन वो नहीं मिले। इतना ही नहीं बस्ती पुलिस ने ये भी कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अभियुक्त फरार चल रहा है। वहीं, अमर मणि त्रिपाठी के वकील ने खराब तबियत का हवाला देते मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। साथ ही कोर्ट से कहा कि कोर्ट पूरे केस को फिर से रिकॉल करे। जिस पर कोर्ट ने बचाव पक्ष की अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि डिप्रेशन के आधार पर अमर मणि त्रिपाठी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती। उन्हें हर हाल में कोर्ट में हाजिर ही होना पड़ेगा।
जानिए वो अपहरण कांड, जिसमें फंसे अमर मणि त्रिपाठी
आपको बता दें कि जिस केस में अमर मणि त्रिपाठी को वारंट जारी हुआ है वह केस वर्ष 2001 का है। उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेस मैन धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल मद्धेशिया का अपहरण कर लिया गया था। बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमर मणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया गया था। इस मामले में अमर मणि त्रिपाठी समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे।
इसके बाद से लगातार बस्ती के एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले का ट्रायल चल रहा है। वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैर-हाजिर चल रहे थे। जिस पर कोर्ट ने बस्ती के एसपी को आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें, लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमर मणि त्रिपाठी एक बार फिर कोर्ट में पेश नहीं हुए।
जिसके बाद कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बस्ती पुलिस को धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के आदेश जारी किया और बस्ती पुलिस को यह भी कहा कि अमर मणि त्रिपाठी की गिरफ्तारी के लिए बाकायदा पेपर में इश्तहार निकालकर उसकी पत्रावली 16 नवंबर को कोर्ट में पेश किया जाए ।